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आरक्षण ने भारत में पूरी व्‍यवस्‍था को छिन्न-भिन्न कर दिया : जगतगुरु शंकराचार्य

जगन्नाथपुरी के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि लार्ड मैकाले के थ्री सी सिद्धांत यानी क्लब कोर्ट व क्लास मौजूदा न्यायप्रणाली को दोषपूर्ण बनाने के लिए जिम्मेदार है। सनातन की न्यायिक प्रणाली ही श्रेष्ठतम है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 08:54 AM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 08:54 AM (IST)
आरक्षण ने भारत में पूरी व्‍यवस्‍था को छिन्न-भिन्न कर दिया : जगतगुरु शंकराचार्य
आरक्षण ने भारत में पूरी व्‍यवस्‍था को छिन्न-भिन्न कर दिया : जगतगुरु शंकराचार्य

जागरण संवाददाता, नैनीताल : जगन्नाथपुरी के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि लार्ड मैकाले के थ्री सी सिद्धांत यानी क्लब, कोर्ट व क्लास मौजूदा न्यायप्रणाली को दोषपूर्ण बनाने के लिए जिम्मेदार है। सनातन की न्यायिक प्रणाली ही श्रेष्ठतम है। दोषी को दोषमुक्त करने की न्यायिक प्रणाली से पाप की प्रवृत्ति बढ़ रही है। भारतीय संविधान अनुच्छेद 25 तक तो ठीक है लेकिन उसके बाद आरक्षण ने सब कुछ छिन्न-भिन्न कर दिया। भारत को धर्मनिरपेक्ष घोषित कर हिंदुओं के अधिकार सीमित कर दिए जबकि अल्पसंख्यकों को छूट दे दी गई। न्यायालय ही दोहरे चरित्र का स्थान है। बोले-मौजूदा न्यायिक प्रणाली में निचली कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक मामले पहुंच रहे हैं लेकिन न्याय होने में सालों लग रहे हैं। मैं सनातन संविधान लिख रहा हूं, जो जल्द पूरा होने वाला है।

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मंगलवार को हाई कोर्ट बार एसोसिएशन सभागार में न्यायिक अधिकारियों व अधिवक्ताओं के साथ संवाद में शंकराचार्य ने न्याय, दर्शन, विज्ञान व व्यवहार में समन्वय पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि दूसरों के प्रति विनम्र बनना ही न्याय की आधारशिला है। हम वैदिक व सनातनी परंपरा के आधार पर चलेंगे तो व्यक्ति की आजीविका जन्म से ही सुरक्षित हो जाएगी। दूसरों के प्रति संयम रहना ही बुद्धि की बलिहारी है। नींद में जिस तरह मृत्यु या दुख का बोध नहीं होता वैसे ही प्यास लगने पर पानी व भूख लगने पर अन्न का अस्तित्व साबित होता है। उन्होंने कहा कि गांव-गांव धर्म का प्रचार होना चाहिए। हर व्यक्ति दुव्र्यसनों से मुक्त होगा तो आर्थिक विषमता भी नहीं होगी। सनातन धर्म ने ही भोजन, विवाह, स्वास्थ्य, आवास, वस्त्र, गणित आदि का विज्ञान दिया। सृष्टि की आयु तक बताई है। जो कि पूरा विश्व मानता है।

लालू व मुलायम पर कटाक्ष

शंकराचार्य ने कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने रमई राम को संत बनाकर चार पीठ का शंकराचार्य बना दिया। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने अंगद को शंकराचार्य बना दिया। यह अधर्म की पराकाष्ठा थी। सुप्रीम कोर्ट को इस पर संज्ञान लेना चाहिए था। संवाद कार्यक्रम के दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर, मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत, शासकीय अधिवक्ता जीएस संधू, अपर महाधिवक्ता मोहन चंद्र पांडे, योगेश पांडे, भाष्कर जोशी, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन सचिव विकास बहुगुणा, पूर्व अध्यक्ष ललित बेलवाल, पूर्व सांसद डा. महेंद्र पाल, सैय्यद नदीम मून, संजय भट्ट, पुष्पा जोशी, किशोर राय, शक्ति प्रताप सिंह आदि।


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