पहाड़ के वोटरों को हाथ जोडऩे में छूटेंगे 'नेताजी' के पसीने, दुर्गम गांवों में पहुंचना नहीं होगा आसान
चुनावी दौर घरों में अजनबी और अचानक पहुंचने वाले मेहमानों के आने का सिलसिला भी लेकर आया है। राष्ट्रीय से लेकर स्थानीय दलों ने अभी उम्मीदवारों का एलान नहीं किया लेकिन खुद को टिकट का दावेदार और हकदार बता नेताओं ने प्रचार शुरू कर दिया है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : uttarakhand assembly election 2022 : चुनावी दौर घरों में अजनबी और अचानक पहुंचने वाले मेहमानों के आने का सिलसिला भी लेकर आया है। राष्ट्रीय से लेकर स्थानीय दलों ने अभी उम्मीदवारों का एलान नहीं किया, लेकिन खुद को टिकट का दावेदार और हकदार बता नेताओं ने प्रचार शुरू कर दिया है। वहीं, पर्वतीय ब्लाक के वोटरों की बात करें तो इन्हें हाथ जोडऩे पर सर्द मौसम में भी नेताजी के पसीने छूटेंगे। ओखलकांडा, बेतालघाट और धारी ब्लाक की 191 ग्राम पंचायतों में 94872 वोटर हैं। जबकि सिर्फ साठ ग्राम पंचायतों वाले हल्द्वानी विकासखंड में 93621 मतदाता। तमाम दावों के बावजूद वीवीआइपी जिले के पहाड़ी इलाकों से लोग क्यों पलायन कर रहे हैं। घर पहुंचे नेता से जनता इसका जवाब भी मांगेगी।
नैनीताल जनपद में कुल छह विधानसभा सीटें हैं। इसमें लालकुआं, रामनगर, कालाढूंगी और हल्द्वानी सीट को मैदानी माना जाता है। जबकि भीमताल और नैनीताल विधानसभा सीट को पर्वतीय। पंचायतों के मामले में नैनीताल सीट के तहत आने वाले बेतालघाट और भीमताल सीट के ओखलकांडा ब्लाक को बड़ा माना जाता है। दोनों जगहों पर 75-75 ग्राम पंचायतें हैं। लेकिन दुर्गम क्षेत्र और मूलभूत सुविधाओं का अभाव आबादी के आंकड़ों को लगातार कम कर रहा है। मजबूरी में लोगों को हल्द्वानी व आसपास पलायन करना पड़ रहा है। जिस वजह से नैनीताल व भीमताल विधानसभा सीट के प्रत्याशियों को प्रचार के लिए दोगुनी मेहनत करनी पड़ेगी। कई गांव ऐसे भी हैं, जहां पहुंचने के लिए सड़क नहीं बल्कि पगडंडियां ही एकमात्र सहारा हैं। वहीं, हल्द्वानी ब्लाक के गांव कालाढूंगी व हल्द्वानी दोनों विधानसभा में आते हैं।
ब्लाक ग्राम पंचायत आबादी
ओखलकांडा 75 34897
धारी 41 24099
रामगढ़ 59 30854
बेतालघाट 75 35876
भीमताल 60 36879
हल्द्वानी 60 93621
कोटाबाग 56 51056
रामनगर 53 70229
नोट-सितंबर 2019 में पंचायत चुनाव के दौरान जारी आंकड़े