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इंश्योरेंस कर्मचारियों ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा, निजीकरण व बीमा में एफडीआइ बढ़ाने के विरोध में हल्लाबोल

नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के तिकोनिया स्थित मंडलीय कार्यालय के बाहर जमा कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जोरदार नारेबाजी की। अध्यक्ष वीपी सिंह ने कहा किसरकार पिछले बजट में बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की सीमा बढ़ाकर 74 फीसद करने का फैसला ले चुकी है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 17 Mar 2021 06:21 PM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 06:21 PM (IST)
इंश्योरेंस कर्मचारियों ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा, निजीकरण व बीमा में एफडीआइ बढ़ाने के विरोध में हल्लाबोल
आइपीओ के जरिये एलआइसी के शेयरों के विनिवेश करने की योजना है। कर्मचारी इसी का विरोध कर रहे है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : जनरल इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण व बीमा क्षेत्र में एफडीआइ सीमा को बढ़ाकर 74 फीसद करने के विरोध में इंश्योरेंस कर्मचारी बुधवार को हड़ताल पर रहे। सार्वजनिक क्षेत्र की चारों बीमा कंपनी ओरिएंटल इंश्योरेंस, न्यू इंडिया, यूनाइटेड इंडिया व नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के कार्यालय बंद रहे। इंश्योरेंस संबंधी काम अटके रहे।

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संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा के बैनर तले नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के तिकोनिया स्थित मंडलीय कार्यालय के बाहर जमा कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जोरदार नारेबाजी की। अध्यक्ष वीपी सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार बैंकों व जनरल इंश्योरेंस कंपनी का निजीकरण करने जा रही है। सरकार पिछले बजट में बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की सीमा बढ़ाकर 74 फीसद करने का फैसला ले चुकी है। आइपीओ के जरिये एलआइसी के शेयरों के विनिवेश करने की योजना है। कर्मचारी इसी का विरोध कर रहे है। सचिव गिरीश शर्मा ने कहा कि सरकार की यह कोशिश सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं को बर्बाद कर देगी। इसके विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जा रहा है। प्रदर्शन के दौरान मुकेश पंत, पान सिंह बिष्ट, आकाश कटियार, एक्टू के डा. कैलाश पांडे, आदि शामिल रहे।

गुरुवार को हड़ताल

बीमा व इंश्योरेंस कंपनी के बाद गुरुवार को एलआइसी कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। संयुक्त फोरम के बैनर तले एलआइसी के मंडलीय कार्यालय में सुबह दस बजे प्रदर्शन होगा। बैंक, बीएसएनएल, रेलवे, रोडवेज समेत अन्य संगठनों ने आंदोलन को समर्थन का ऐलान किया है।

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