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मुन्दोली-देवस्थली मार्ग से देवाल गांव को होने वाले खतरे के मामले में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश

हाई कोर्ट ने चमोली जिले में मुन्दोली-देवस्थली के लिए प्रस्तावित मार्ग से देवाल गांव को होने वाले संभावित खतरे को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने जिलाधिकारी चमोली को कमेटी गठित कर तीन सप्ताह में जवाब शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 19 Aug 2021 07:29 AM (IST)Updated: Thu, 19 Aug 2021 07:29 AM (IST)
मुन्दोली-देवस्थली मार्ग से देवाल गांव को होने वाले खतरे के मामले में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश
मुन्दोली-देवस्थली मार्ग से देवाल गांव को होने वाले खतरे के मामले में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश

जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने चमोली जिले में मुन्दोली-देवस्थली के लिए प्रस्तावित मार्ग से अनुसूचित बाहुल्य क्षेत्र देवाल गांव को होने वाले संभावित खतरे को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने जिलाधिकारी चमोली को कमेटी गठित कर तीन सप्ताह में विस्तृत जवाब शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं।

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बुधवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में चमोली जिले के शिल्पकार कल्याण परिषद की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि देवाल में कोडबा बैंड से देवस्थली तक बनने वाले एक किलोमीटर मोटर मार्ग से आंबेडकर गांव मुन्दोली में रहने परिवारों के समक्ष भू-स्खलन का खतरा मंडरा रहा है। प्रस्तावित मोटर मार्ग की वजह से वह पूर्ण रूप से बेघर हो जायेंगे। जलस्रोत व पालतू जानवरों के लिए चारे व पानी का अभाव हो जाएगा। जिस क्षेत्र से मोटर मार्ग प्रस्तावित है, वह सघन वन क्षेत्र है। बांज एवं बुरांस के अत्यधिक पेड़ है।

मोटर मार्ग के निर्माण से उनके सामने विस्थापित होने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं रह जाएगा। जबकि यहां पर तीन सड़कें पहले से ही बनी हुई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है उनके आवासीय भवनों को खतरे से बचाया जाए। प्रस्तावित मोटर मार्ग के निर्माण पर रोक लगाई जाय। इससे पहले भी उनके द्वारा उच्च न्यायलय में इस संबंध में याचिका दायर की गई थी। न्यायालय ने मोटर मार्ग के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि वह इस संबंध में अपना प्रत्यावेदन जिलाधिकारी चमोली को दें। परंतु अभी तक जिला अधिकारी ने उनके प्रत्यावेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की।


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