रिश्वत लेने के आरोपित बीईओ के खिलाफ दर्ज एफआइआर की प्रगति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने रिटायर कर्मचारी के सेवानिवृत्ति के लाभ व जीपीएफ का पैसा देने के बदले कमीशन लेने वाले खण्ड शिक्षा अधिकारी सुमन अग्रवाल के मामले की सुनवाई की।
नैनीताल, जेएनएन : उत्तराखंड हाई कोर्ट ने रिटायर कर्मचारी के सेवानिवृत्ति के लाभ व जीपीएफ का पैसा देने के बदले कमीशन लेने वाले खण्ड शिक्षा अधिकारी सुमन अग्रवाल के मामले की सुनवाई की। आरोपित के खिलाफ दर्ज मुकदमे की इन्क्वारी रिपोर्ट 22 अप्रैल तक कोर्ट में पेश करने के आदेश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल की नियत की है।
हरिद्वार निवासी हरपाल यादव ने अपनी याचिका में कहा था कि वह 2015 में रिटायर हो चुके हैं परन्तु शिक्षा विभाग द्वारा उनका जीपीएफ का लगभग 45 लाख रुपया नहीं दिया गया। पूर्व में उन्होंने पांच लाख रूपये के लिए आवेदन किया था तो खण्ड शिक्षा अधिकारी सुमन अग्रवाल ने उनसे 10 प्रतिशत कमीशन के रूप में मांग की। उन्होंने रिश्वत दे भी दी, इसके साथ ही उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग विजिलेंस की टीम को भी सौंप दिया। जांच करने पर विजिलेंस की टीम द्वारा सुमन अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। परन्तु विजिलेंस द्वारा न तो उनका मोबाइल उनको वापस किया गया नहीं ही इसकी कोई रशीद उनको दी गयी। जिसके खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। इसी मामले में सरकार द्वारा भी विशेष अपील दायर की गयी है जिसमें खण्डपीठ ने सरकार को निर्देश दिए है कि दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करे।
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