नैनीताल जिले में राशन की दुकानों में बायोमैट्रिक मशीन दो दिनों में नहीं लगी तो नपेंगे अफसर
दो दिनों में नैनीताल जिले में सभी 639 राशन की दुकानों में बायोमैट्रिक मशीन का इस्तेमाल शुरू न हुआ तो गाज अफसरों पर गिरनी तय है।
हल्द्वानी, जेएनएन : सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं की नाफरमानी के कारण खाद्य आपूर्ति विभाग के अफसरों की जान हलक में आ फंसी है। यदि आने वाले दो दिनों में नैनीताल जिले में सभी 639 राशन की दुकानों में बायोमैट्रिक मशीन का इस्तेमाल शुरू न हुआ तो गाज अफसरों पर गिरनी तय है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने स्पष्ट चेतावनी दे डाली है।
दरअसल, कुछ माह पूर्व ही सरकारी राशन वितरण के लिए सभी सस्ता गल्ला विक्रेताओं को बायोमेट्रिक मशीन का दोबारा इस्तेमाल करने को कहा गया है। लेकिन कोरोना संक्रमण के डर से अधिकांश विक्रेता बायोमेट्रिक का इस्तेमाल करने को राजी नहीं हैं। जिले में अब तक केवल 244 दुकानों में ही बायो मेट्रिक मशीनें चल रही हैं। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग को इसकी जानकारी मिली तो नैनीताल जिले के अफसरों को कड़ी फटकार लगाई है। कहा है कि यदि 25 जुलाई तक जिले की शेष 395 बायोमेट्रिक मशीनें नहीं चली तो संबंधित पूर्ति निरीक्षक, जिला पूर्ति अधिकारी के विरुद्ध विभागीय दंडात्मक कार्रवाई होगी।
उपभोक्ता तैयार नहीं तो कैसे चले काम
अफसरों को फटकार के बाद अब सवाल ये खड़ा होता है कि जब सभी दफ्तरों में बायो मेट्रिक उपस्थिति पर रोक लगी हुई है तो फिर राशन की दुकानों में क्यों इसका इस्तेमाल हो रहा है। जबकि राशन की दुकानों में ही रोजाना सैकड़ों लोग पहुंचते है। इधर, आदर्श राशनिंग डीलर्स वेलफेयर सोसाइटी उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष रमेश पांडे का कहना है कि राशन की दुकानों में उपभोक्ता संक्रमण के डर से बॉयोमेट्रिक मशीन में अंगूठा लगाने को तैयार नहीं है तो कैसे काम चलेगा।