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पुलिस मृतक को लेकर पहुंच रही मोर्चरी तो डाक्टर ने एसएसपी से की शिकायत, जानिए क्या है पूरा मामला

कोर्ट का हवाला देते हुए विभागाध्यक्ष ने लिखा है कि कई बार कोर्ट उनसे पूछती है कि पोस्टमार्टम से पहले मृत घोषित किसने किया व दस्तावेजों की प्रति कहां है। उन्होंने लिखा है कि आप संज्ञान लेते हुए अपने अधीनस्थ संबंधित विवेचना अधिकारियों को निर्देशित करने का कष्ट करें।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 06:12 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 06:12 PM (IST)
पुलिस मृतक को लेकर पहुंच रही मोर्चरी तो डाक्टर ने एसएसपी से की शिकायत, जानिए क्या है पूरा मामला
एसएसपी पंकज भट्ट को भेजे पत्र में फारेंसिक मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डा. साहिल खुराना ने लिखा है

दीप चंद्र बेलवाल, हल्द्वानी। राजकीय मेडिकल कालेज के फारेंसिक मेडिसिन विभागाध्यक्ष ने पुलिस की कार्यशैली पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि पुलिस मृतक को अस्पताल लाने के बजाय सीधे मोर्चरी ले जा रही है। भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति होने की स्थिति में पोस्टमार्टम करना संभव नहीं हो पाएगा।

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एसएसपी पंकज भट्ट को भेजे पत्र में फारेंसिक मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डा. साहिल खुराना ने लिखा है कि प्राय: यह देखने में आ रहा कि मृतक को बिना अस्पताल लाए घटनास्थल से पुलिस सीधे मोर्चरी ले जा रही है, जो कानूनी रूप से उचित नहीं है। इससे कालानुक्रमिक दस्तावेजों का उल्लंघन होता है। कोर्ट का हवाला देते हुए विभागाध्यक्ष ने लिखा है कि कई बार कोर्ट उनसे पूछती है कि पोस्टमार्टम से पहले मृत घोषित किसने किया व दस्तावेजों की प्रति कहां है। उन्होंने लिखा है कि आप संज्ञान लेते हुए अपने अधीनस्थ संबंधित विवेचना अधिकारियों को इस संबंध में निर्देशित करने का कष्ट करें। भविष्य में यही पुनरावृत्ति हुई तो पोस्टमार्टम करना संभव नहीं होगा। इसकी जिम्मेदारी पुलिस अधिकारियों की होगी।

केस-1 
छड़ायल हल्द्वानी निवासी 30 वर्षीय उमेश चंद्र 2011 बैच का सिपाही था। वह रुद्रपुर पुलिस लाइन में तैनात था। 13 दिसंबर को उसने खुदकुशी कर ली थी। पुलिस बिना चिकित्सालय लाए शव को मोर्चरी ले गई थी। 
केस-2
ऊंचापुल निवासी महिला की मौत की जानकारी स्वजनों ने पुलिस को दी थी। उसे अस्पताल ले जाने के बजाय पुलिस मोर्चरी लेकर आई। इस पर डाक्टरों ने आपत्ति जताई थी। 
एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि मृतक को मृत डाक्टर ही घोषित करता है। कहीं भी शव मिलने या सुसाइड के बाद शव को अस्पताल ले जाया जाता है। मुझे अभी पत्र नहीं मिला है। शिकायत की जांच कराई जाएगी। कोई पुलिस कर्मी खुद किसी को मृत घोषित नहीं कर सकता। 

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