चमोली में एक महीने बाद फिर लौटा था गोली लगने से घायल आदमखोर गुलदार
रानीबाग के गुलदार को गोली लगने के बाद से वन विभाग की टीम उसकी तलाश में जुटी है। मगर उसका कुछ पता नहीं चल रहा। वन विभाग का दावा है कि गुलदार की मौत हो चुकी है।
हल्द्वानी, जेएनएन : रानीबाग के गुलदार को गोली लगने के बाद से वन विभाग की टीम उसकी तलाश में जुटी है। मगर उसका कुछ पता नहीं चल रहा। वन विभाग का दावा है कि गुलदार की मौत हो चुकी है। मगर घायल होने की वजह से वो कहीं छुप गया था। जिस वजह से मिल नहीं पा रहा।
वहीं, आदमखोर गुलदार के पुराने किस्से पर नजर दौड़ाए तो चमोली में भी रानीबाग की तरह घटना हो चुकी है। तब गुलदार गोली से घायल होने के बाद एक महीने तक लापता हो गया था। विभाग मान चुका था कि वह जंगल में दम तोड़ चुका है। मगर एक महीने बाद वह दोबारा लौटा और लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया। जिसके बाद उसे शिकारियों ने ढेर किया था।
दो महिलाओं को निवाला बनाने वाले गुलदार को दस दिन पहले शिकारी विपिन चंद्र ने गोली मारी थी। उसके बावजूद वह जंगल को भाग निकला। उसके बाद से टीम जंगल की खाक छानने में जुटी है। मगर सफलता नहीं मिली। वहीं, बड़े शिकारियों में शामिल जॉय हुकिल ने बताया कि काफी समय पूर्व चमोली में भी ऐसा ही वाक्या हुआ था। तब गुलदार गोली लगने के बावजूद करीब एक माह बाद वापस लौटा और फिर से हमलावर हो गया था। यहीं वजह है कि मनोरा रेंज की टीम रिस्क नहीं लेना चाहती। जिस वजह से घायल गुलदार की तलाश अब भी जारी है।