आयकर व जीएसटी रिटर्न डेटा का होगा मिलान, ऐसे में रिटर्न दाखिल करने में बरतें सावधानी
आयकर रिटर्न दाखिल करते समय इस बार करदाताओं को विशेष ध्यान रखना होगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) व जीएसटीएन के बीच जानकारी साझा करने के लिए करार हो गया है।
हल्द्वानी, जेएनएन : आयकर रिटर्न दाखिल करते समय इस बार करदाताओं को विशेष ध्यान रखना होगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) व जीएसटीएन के बीच जानकारी साझा करने के लिए करार हो गया है। दोनों विभाग एक-दूसरे से रिटर्न की जानकारी साझा करेंगे। रिटर्न में अंतर आने पर करदाता को नोटिस देकर जानकारी मांगी जाएगी और दोनों रिटर्न का मिलान किया जाएगा। टैक्स चोरी रोकने के लिए इस तरह की पहल की गई है।
सीबीडीटी के हालिया आदेश के मुताबिक जानकारी साझा करने के लिए अथॉरिटी नियुक्त कर दी गई हैै। आदेश में कहा गया है कि यदि जीएसटीएन (जीएसटी नेटवर्क) की ओर से किसी करदाता की आइटी रिटर्न संबंधी जानकारी मांगी जाती है तो वह दी जाएगी। उत्तराखंड में वर्तमान में 7.53 लाख आयकरदाता व 1.62 लाख जीएसटी में रजिस्टर्ड कारोबारी हैं। ऐसे में रिटर्न दाखिल करने में हेरफेर करने वालों की मुश्किल बढ़ सकती हैं
स्टेटस व ग्रास टोटल इनकम तक शेयर करेंगे
प्रिंसिपल डायरेक्टर जनरल ऑफ इनकम टैक्स (सिस्टम) उस करदाता के इनकम टैक्स रिटर्न की जानकारी शेयर करेगा, जिसमें कारोबारी की रिटर्न फाइलिंग का स्टेटस, उसका टर्नओवर, ग्रॉस टोटल इनकम, टर्नओवर रेशो आदि शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त दोनों अथॉरिटी यदि चाहेंगी तो अन्य जानकारी भी शेयर कर सकेंगी।
भविष्य में ऑटोमेटिक शेयर होगा डेटा
भविष्य के लिए सीबीडीटी एक अलग प्रणाली बनाने जा रही है, जिसमें दोनों पोर्टल पर ऑटोमेटिक डेटा शेयरिंग संभव हो सकेगी। इसके लिए दोनों संस्थाओं के बीच करार होगा कि डेटा किस प्रकार शेयर किए जाएंगे। कारोबारी की डेटा सिक्योरिटी व उसकी गोपनीयता कैसे रहेगी, इन सबका भी उल्लेख किया जाएगा। टैक्स विशेषज्ञ हिमांशु कोठारी का कहना है कि सीबीडीटी के निर्णय से जीएसटी एक्ट के प्रभावी प्रबंधन में मदद मिलेगी।
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