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महासंकट में खाकी का मानवीय चेहरा दे रहा हौसला, नदी पार कर डेढ़ किमी पैदल दौड़े पुलिस वाले

पुलिसिंग के साथ जवानों का सामाजिक गतिविधियों व मानव सेवा के लिए कदमताल प्रेरणा से कम नहीं। बीते रोज कोरोना संक्रमित बुजुर्ग की रानीखेत में अंत्येष्टि करा खाकी मिसाल बनी। डेढ़ किमी किमी पैदल नदी पार कर पुलिस कर्मी ग्रामीण को कंधे पर लाद अस्पताल ले गए।

By Prashant MishraEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 04:09 PM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 09:50 AM (IST)
महासंकट में खाकी का मानवीय चेहरा दे रहा हौसला, नदी पार कर डेढ़ किमी पैदल दौड़े पुलिस वाले
कोविड-19 के नियमों का पालन कर बेसुध पड़े ग्रामीण को कंधे पर लाद चिकित्सालय पहुंचाया।

जागरण संवाददाता, चौखुटिया (अल्मोड़ा) : वैश्विक महामारी की दूसरी लहर में भी खाकी का मानवीय चेहरा जरूरतमंदों को कठिन परिस्थितियों में हौसला दे रहा है। कप्तान की अगुआई में जवाबदेह व जिम्मेदार पुलिसिंग के साथ जवानों का सामाजिक गतिविधियों व मानव सेवा केक लिए कदमताल प्रेरणा से कम नहीं। बीते रोज कोरोना संक्रमित बुजुर्ग की रानीखेत में अंत्येष्टि करा खाकी मिसाल बनी।

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इधर, चौखुटिया के सुदूर इलाके में बेहोश पड़े ग्रामीण के कोरोना संक्रमित होने के खौफ से गांव वाले करीब जाने से कतरा रहे थे। डेढ़ किमी किमी पैदल नदी पार कर पुलिस कर्मी ग्रामीण को कंधे पर लाद अस्पताल ले गए। हालांकि काफी देर हो चुकी थी।  

मामला बीते बुधवार का है। तहसील मुख्यालय से करीब 12 किमी दूर भैल्ट गांव में 55 वर्षीय बुजुर्ग बेहोश पड़ा है। कोरोना संक्रमण की आशंका से पूरे गांव में दहशत का माहौल था। कोई भी ग्रामीण के पास जाने के लिए तैयार तक न हुआ। तब पुलिस को बताया गया। मासी चौकी प्रभारी सुनील धानिक साथी कांस्टेबल दीपक सक्टा, गुमेज व होमगार्ड पंकज गिरि स्थानीय प्रताप सिंह को लेकर गांव की ओर रवाना हो गए। दस किमी सड़क मार्ग का सफर तय करने के बाद पुलिस कर्मी करीब डेढ़ किमी पैदल नदी नाले को पार कर गांव पहुंचे। सभी ने पीपीई किट पहनी। कोविड-19 के नियमों का पालन कर बेसुध पड़े ग्रामीण को कंधे पर लाद सड़क तक ले गए। फिर चिकित्सालय पहुंचाया।

हालांकि, चिकित्सकों ने बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया। मगर कोरोना टेस्ट के लिए स्वैब नमूने लिए गए। रिपोर्ट निगेटिव पाई गई। मृतक की शिनाख्त झुडंगा गांव निवासी आनंद सिंह पुत्र हीरा सिंह के रूप में की गई। परिजनों के अनुसार आनंद सिंह मानसिक रूप से अस्वस्थ थे। वह तीन दिन सेस लापता थे। स्थानीय प्रताप सिंह भंडारी व अन्य ग्रामीणों ने पुलिस कर्मियों की पहल को सराहनीय बताया। कहा कि समय पर सूचना दी जाती तो शायद आनंद सिंह को बचाया जा सकता था।

एसएसपी पंकज भट्ट कोरोना ने बताया कि दूसरी लहर को हराने के लिए सावधानी व सतर्कता ही बचाव का मात्र विकल्प है। संक्रमण से बचाव को पुलिस सख्ती से निपटेगी। वहीं महासंकट की इस घड़ी में जरूरतमंदों की मदद के लिए मित्र पुलिस हर पल मुस्तैद है। संबंधित कोक समय पर सहायता मिल सके, त्वरित कदम उठाए जा रहे हैं।

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