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न्यायिक अभिरक्षा में मौत के मामले में चौकी इंचार्ज के रुपये और कार मांगने का पर्दाफाश

प्रकरण में मंडी चौकी के तत्कालीन इंचार्ज जगत सिंह भंडारी के मृतक अभियुक्त करीम से स्विफ्ट कार और रुपये मांगने वाला एंगल भी था। जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में चौकी इंचार्ज के रुपये और कार मांगने संबंधीएक वीडियो क्लिप मिलने का भी उल्लेख किया है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Tue, 10 Aug 2021 06:35 AM (IST)Updated: Tue, 10 Aug 2021 06:35 AM (IST)
मृतक के मोबाइल में कार गिफ्ट कराने संबंधी वीडियो क्लिप भी मिली है।

श्याम मिश्रा, काशीपुर।  डेढ़ साल पहले एनडीपीएस एक्ट के आरोपित अब्दुल करीम की न्यायिक अभिरक्षा में हुई मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। काशीपुर के तत्कालीन सिविल जज सीनियर डिवीजन विनोद कुमार बर्मन की जांच रिपोर्ट से पर्दाफाश हुआ कि प्रकरण में मंडी चौकी के तत्कालीन इंचार्ज जगत सिंह भंडारी के मृतक अभियुक्त करीम से स्विफ्ट कार और रुपये मांगने वाला एंगल भी था। 45 पन्नों की जांच रिपोर्ट में कई गवाहों ने तत्कालीन चौकी इंचार्ज पर मृतक करीम से गिफ्ट में स्विफ्ट कार और रुपये मांगने का आरोप लगाया है। जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में चौकी इंचार्ज के रुपये और कार मांगने संबंधीएक वीडियो क्लिप मिलने का भी उल्लेख किया है। आरटीआइ के जरिये यह रिपोर्ट सामने आने के बाद संबंधित लोगों में खलबली मची हुई है।

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साल 2019 में मंडी चौकी पुलिस ने सरवरखेड़ा निवासी अब्दुल करीम उर्फ कल्लन को एनडीपीएस एक्ट में जेल भेजा था। आरोप था कि उसके पास से 9.93 ग्राम स्मैक बरामद हुई है। जेल जाने के बाद उसकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई। उसे इलाज के लिए हल्द्वानी के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी हालत नहीं सुधरी। अंत में 28 सितंबर 2019 को हल्द्वानी से ऋषिकेश ले जाते समय कुंडा थाना क्षेत्र में करीम ने दम तोड़ दिया। मामले की न्यायिक जांच काशीपुर के तत्कलाीन सिविल जज सीनियर डिवीजन विनोद कुमार बर्मन ने की। सिविल जज की ओर से की गई जांच रिपोर्ट एक कापी अधिवक्ता संजीव आकाश ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत हासिल की है। जांच अधिकारी ने मृतक के भाई अारिन अली और मां खैरुलनिशा से पूछताछ की। इस दौरान उन्होंने बताया कि कुंडा थाने की मंडी चौकी के तत्कालीन इंचार्ज जगत सिंह भंडारी ने गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले एक व्यक्ति को भेजकर एक स्विफ्ट कार गिफ्ट करने और रुपये की मांग मृतक अब्दुल करीम से की थी।

मांग पूरी ना होने पर आठ अगस्त 2019 को चौकी इंचार्ज ने ग्राम सरवरखेड़ा में उनके निर्माणाधीन मकान के सामने से उनकी स्विफ्ट कार उठा ली और उसे लावारिस में दर्शा कर थाना कुंडा में खड़ा कर दिया। यह कार रामनगर के पीरुमदारा निवासी संदीप सिंह बिष्ट की थी। स्वजनों ने जांच अधिकारी को गाड़ी की आरसी भी दिखाई। आरोप लगाया कि कार और पैसा न देने की रंजिश में बाद में मृतक करीम को एनडीपीएस के फर्जी केस में जेल भेज दिया गया। जांच के दौरान सिविल जज सीनियर डिवीजन ने पाया कि मृतक अब्दुल की स्विफ्ट कार को आठ अगस्त 2019 को लावारिस में दर्शाते हुए कुंडा में खड़ी तो की गई, लेकिन उसका इंद्राज केवल आठ अगस्त 2019 की जनरल डायरी में किया गया जबकि मालखाना रजिस्टर में उस गाड़ी का कोई इंद्राज नहीं किया गया। उत्तराखंड पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 46 के प्रावधानों का भी इस मामले में उल्लंघन हुआ क्योंकि एसएसपी और न्यायिक मजिस्ट्रेट को इस वाहन के संबंध में कोई सूचना नहीं भिजवाई गई। गाड़ी का मोटर अधिनियम 207 के तहत कागजात ना होने के बावत कोई चलान भी नहीं किया गया।

जांच अधिकारी ने चौकी इंचार्ज पर लगे कार और रुपये मांगने के आरोपों की सत्यता जानने के लिए बाबरखेड़ा गांव के निवासी बबलू के बयान दर्ज किए। क्योंकि मृतक के स्वजनों ने आरोप लगाया था कि बबलू ने ही तत्कालीन चौकी इंचार्ज जगत सिंह भंडारी की ओर से रुपये और कार गिफ्ट में मांगने की बात मृतक व उसके स्वजनों तक पहुंचाई थी।

बबलू ने कहा कि मृतक अब्दुल करीम के पास वह नशे के इंजेक्शन लेने जाता था। इस दौरान अब्दुल ने उससे कहा कि तुम्हारा कुंडा थाना आना-जाना रहता है। तुम मंडी चौकी इंचार्ज जगत सिंह से पूछ कर बताओ कि वह मुझसे क्या चाहता है। बबलू ने कहा कि उसने यह बात तत्कालीन मंडी चौकी इंचार्ज जगत सिंह भंडारी तक पहुंचाई तो उन्होंने कहा कि वह अब्दुल करीम को जेल भेजना चाहते हैं और वह एक कार और रुपये अब्दुल करीम से जगत सिंह को दिलवाए। जांच के दौरान चौकी इंचार्ज ने इन आरोपों का खंडन किया, लेकिन कई गवाहों ने इस बात का समर्थन किया कि चौकी इंचार्ज मृतक से कार और रुपये की डिमांड कर रहे थे।

ऐसे में जांच अधिकारी ने अब्दुल करीम का मोबाइल मंगवा कर उसे ऑन किया मोबाइल में अभियुक्त अब्दुल करीम से मंडी चौकी के कांस्टेबल विजय डसीला की बातचीत होने की पुष्टि हुई। साथी ही इस बात की भी पुष्टि हुई की चौकी इंचार्ज ने कार बरामद होने के दिन आठ अगस्त 2019 को मृतक अब्दुल करीम से मोबाइल पर बात की थी। मृतक के मोबाइल में जगत सिंह भंडारी की बबलू के माध्यम से अभियुक्त अब्दुल करीम से कार गिफ्ट कराने संबंधी वीडियो क्लिप भी मिली है।


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