एनएच घोटाला मामले में पूर्व एसएलओ डीपी सिंह की मुश्किलें फिर बढ़ीं NAINITAL NEWS
एनएच मुआवजा घोटाला मामले में ऊधमसिंह नगर जिले के पूर्व विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी डीपी सिंह की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं।
By Edited By: Published: Sun, 23 Jun 2019 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2019 10:17 AM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : एनएच मुआवजा घोटाला मामले में ऊधमसिंह नगर जिले के पूर्व विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी डीपी सिंह की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। घोटाले में आरोपित किसान ने जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान प्रार्थना पत्र देकर डीपी सिंह समेत राजस्व अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश एंटी करप्शन नरेंद्र दत्त की कोर्ट ने सीजेएम कोर्ट को आरोपित के 164 के बयान दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। एसआइटी ने 15 मई को घोटाले में आरोपित किसान बलदेव सिंह पुत्र प्रीतम सिंह निवासी चीकाघाट सितारगंज को गिरफ्तार किया था। शनिवार को एंटी करप्शन कोर्ट में बलदेव की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। उनके अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि आरोपित लिखित रूप में पक्ष रखना चाहते हैं तो उसे इजाजत दी गई। बलदेव ने कोर्ट को बताया कि उसकी दो बीघा जमीन एनएच के लिए ली गई थी। उसे एनएच से एक करोड़ 30 लाख का मुआवजा मिला, मगर डीपी सिंह ने दो चेक हस्ताक्षर कराकर इसलिए ले लिए कि मुआवजा अधिक मिल गया है। इसके बाद मेरे एक्सिस बैंक के खाते से दो चेकों से 72 लाख से अधिक रकम निकाल ली गई। उसने वादा माफ गवाह बनने की प्रार्थना की है।
बलदेव के अनुसार, उसने चार लाख रुपये सरकार के खाते में जमा कर दिए हैं। वहीं, एसआइटी के अनुसार, बलदेव जिस जमीन की भूमिधरी की बात कर रहा है, उसका भूस्वामी मुल्ली सिंह पुत्र भंडारी सिंह था। चार दशक पहले उसकी मौत हो गई थी। बलदेव के कब्जे में यह जमीन चार दशक से थी। साजिश के तहत एसडीएम भगत सिंह फोनिया, तहसीलदार मोहन सिंह, अधीनस्थ कर्मचारी संतराम व तत्कालीन एसएलओ डीपी सिंह ने 24 मई 2012 को अकृषि घोषित कर एक करोड़ 30 लाख से अधिक रकम प्राप्त की। डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा के अनुसार जमानत अर्जी पर सुनवाई अब 25 जून को होगी।
जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश एंटी करप्शन नरेंद्र दत्त की कोर्ट ने सीजेएम कोर्ट को आरोपित के 164 के बयान दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। एसआइटी ने 15 मई को घोटाले में आरोपित किसान बलदेव सिंह पुत्र प्रीतम सिंह निवासी चीकाघाट सितारगंज को गिरफ्तार किया था। शनिवार को एंटी करप्शन कोर्ट में बलदेव की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। उनके अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि आरोपित लिखित रूप में पक्ष रखना चाहते हैं तो उसे इजाजत दी गई। बलदेव ने कोर्ट को बताया कि उसकी दो बीघा जमीन एनएच के लिए ली गई थी। उसे एनएच से एक करोड़ 30 लाख का मुआवजा मिला, मगर डीपी सिंह ने दो चेक हस्ताक्षर कराकर इसलिए ले लिए कि मुआवजा अधिक मिल गया है। इसके बाद मेरे एक्सिस बैंक के खाते से दो चेकों से 72 लाख से अधिक रकम निकाल ली गई। उसने वादा माफ गवाह बनने की प्रार्थना की है।
बलदेव के अनुसार, उसने चार लाख रुपये सरकार के खाते में जमा कर दिए हैं। वहीं, एसआइटी के अनुसार, बलदेव जिस जमीन की भूमिधरी की बात कर रहा है, उसका भूस्वामी मुल्ली सिंह पुत्र भंडारी सिंह था। चार दशक पहले उसकी मौत हो गई थी। बलदेव के कब्जे में यह जमीन चार दशक से थी। साजिश के तहत एसडीएम भगत सिंह फोनिया, तहसीलदार मोहन सिंह, अधीनस्थ कर्मचारी संतराम व तत्कालीन एसएलओ डीपी सिंह ने 24 मई 2012 को अकृषि घोषित कर एक करोड़ 30 लाख से अधिक रकम प्राप्त की। डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा के अनुसार जमानत अर्जी पर सुनवाई अब 25 जून को होगी।
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