काशीपुर में फर्जी हैसियत प्रमाण पत्र दिखाकर करोड़ों का लिया ठेका, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
नगर में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसके अनुसार चहेते को लाभ पहुंचाने के मकसद से उसकी तीन करोड़ की संपत्ति की जगह 10 करोड़ का हैसियत प्रमाण पत्र बना दिया गया। इन जमीनों में कुछ हिस्से ऐसे हैं जहां प्लाङ्क्षटग वाली सड़कों को भी हैसियत में दिखा गया।
अभय पांडेय, काशीपुर : नगर में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसके अनुसार चहेते को लाभ पहुंचाने के मकसद से उसकी तीन करोड़ की संपत्ति की जगह 10 करोड़ का हैसियत प्रमाण पत्र बना दिया गया। इन जमीनों में कुछ हिस्से ऐसे हैं, जहां प्लाङ्क्षटग वाली सड़कों को भी हैसियत में दिखा गया। मामले में पीआइएल लगने के बाद हाई कोर्ट ने चार सप्ताह में तहसील से जवाब मांगा है। संबंधित रिपोर्ट लगाने वाला पटवारी फिलहाल नानकमत्ता में तैनात है, जिस पर कार्रवाई की तलवार लटकी है।
पीआइएल लगाने वाले भगवान ङ्क्षसह ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में 27 जुलाई 2021 को हाई कोर्ट में रिट दाखिल की। इसके अनुसार गोपाल ङ्क्षसह बिष्ट पुत्र आन ङ्क्षसह बिष्ट निवासी ग्राम मानपुर तहसील काशीपुर ने 20 फरवरी 2018 को हैसियत प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया। इसमें तीरगढ़ी जसपुर की 0.413 हेक्टेयर जमीन दिखाई गई। तहसील की दो करोड़ रुपये प्रति हेक्टेयर की दर के अनुसार इस जमीन की हैसियत 82 लाख 60 हजार रुपये के स्थान पर आठ करोड़ 82 लाख 60 हजार दर्ज कर दी गई। इसके साथ ही अन्य जमीनों के टुकड़ों की कुल हैसियत कागजों में 10 करोड़ 87 लाख 1384 रुपये की बना दी गई। जबकि वास्तविक रूप से यह तीन करोड़ के आसपास होनी चाहिए थी।
फर्जी हैसियत प्रमाण पत्र से कमाई चांदी
बकौल शिकायतकर्ता इसी हैसियत प्रमाण पत्र के जरिये आरोपित ने प्रधानमंत्री आवास बनाने का ठेका भी ले लिया। इसके तहत 500 मकानों का निर्माण होना है। वहीं, लक्ष्मीपुर बाजपुर में ई टेंडिङ्क्षरग के माध्यम से खनन पट्टा भी ले लिया गया।
प्लाटिंंग की सड़कों को भी जमीन में दिखाया
अतिरिक्त जमीन दिखाने के लिए पहले से प्लाटिंंग कर बिकी जमीन भी दिखा दी गई। इसकी सड़कें भी हैसियत के रूप में दिखा दी गई। यही नहीं, इसमें भी तहसील से निर्धारित दर को 10 गुना तक बढ़ाकर दिखा दिया गया। पूरे मामले की जांच में कई अन्य मामले सामने आ सकते हैं।
मामले में जांच और कार्रवाई की लटक रही तलवार
मामले में हाई कोर्ट के जवाब मांगने के बाद तहसील में हड़कंप मचा है। तहसीलदार भी मान रहे हैं कि हैसियत प्रमाण पत्र बनाने में फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। शुरुआती जांच के बाद माना जा रहा है कि इसमें दो से अधिक जिम्मेदारों की गर्दन नपना तय है। तहसीलदार विपिन पंत ने बतया कि यह हैसियत प्रमाण पत्र 2018 में बना है, जिसमें हाई कोर्ट को जवाब दिया जाएगा। प्रथमदृष्टया इसमें फर्जीवाड़े की बात सामने आ रही है। मामले में हाई कोर्ट को सभी तथ्य उपलब्ध कराए जाएंगे।