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नियम विरुद्ध चल रहे स्लॉटर हाउस सील

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : शहर में मानक के विरुद्ध चल रहे स्लॉटर हाउस पर ताले लटक गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 10:22 AM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 10:22 AM (IST)
नियम विरुद्ध चल रहे स्लॉटर हाउस सील
नियम विरुद्ध चल रहे स्लॉटर हाउस सील

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : शहर में मानक के विरुद्ध चल रहे स्लॉटर हाउस पर ताले लटक गए हैं। शनिवार शाम नगर निगम की टीम ने शहर के दोनों स्लॉटर हाउस को सील कर दिया। हाई कोर्ट ने अवैध रूप से संचालित स्लॉटर हाउस को 72 घंटे में बंद करने का आदेश दिया था।

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हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद शुक्रवार को सिटी मजिस्ट्रेट पंकज उपाध्याय ने नगर निगम, पशुपालन और खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक ली थी। बैठक में शहर के दोनों स्लॉटर हाउस को बंद करने के निर्देश दिए थे। शनिवार को वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राहुल लसपाल के नेतृत्व में गई नगर निगम की टीम को लोगों का भारी विरोध झेलना पड़ा। लोग शिकायत करते रहे कि पशुओं को काटने के लिए वह कहां जाएंगे। अधिकारियों ने कहा कि मानक पूरे करने पर वह स्लॉटर हाउस के लिए विधिवत आवेदन कर सकते हैं। विरोध के बावजूद टीम ने राजपुरा और इंदिरानगर बाइपास के पास वाले स्लॉटर हाउस को सील कर दिया। टीम में कर निरीक्षक भरत त्रिपाठी, पूजा चंद्रा, सफाई निरीक्षक अमोल सिंह, रतन लाल आदि शामिल रहे। हाई कोर्ट ने अवैध स्लाटर हाउसों को 72 घंटें में बंद करने का दिया था आदेश नैनीताल : हाई कोर्ट ने राज्य में अवैध तरीके से संचालित हो रे स्लाटर हाउस 72 घंटे में सील करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि खुले स्थानों पर पशुओं का वध न किया जाए।

दरअसल, मंगलौर, हरिद्वार निवासी परवेज आलम ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि पशुओं की क्रूरतापूर्वक खुले स्थानों पर हत्या की जा रही है। याचिकाकर्ता का कहना था कि 2001 में केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में नियम बनाए गए हैं, किंतु इसका अनुपालन नहीं किया जा रहा है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरिगुप्ता की ओर से कोर्ट में हरिद्वार के मंगलौर क्षेत्र में खुले में काटे जा रहे पशुओं के फोटोग्राफ भी कोर्ट पेश किए गए। इस पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने 72 घंटे के भीतर राज्य में अवैध स्लाटर हाउस सील करने के आदेश पारित किए। कोर्ट ने निकायों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि पशु वध खुले स्थानों पर न हो। सड़क व पैदल मार्गो पर पशुवध न किया जाए। कोई भी स्लाटर हाउस बिना लाइसेंस का संचालित न हो। खंडपीठ ने इस मामले में अगली सुनवाई नौ अक्टूबर नियत की है।


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