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आइजी ने पंचेश्वर में कोविड केयर सेंटर व पंचम वाहिनी परिसर में किया टाइप टू आवासों का शुभारंभ

कोविड से हर कोई त्रस्त है। सभी लोग अपने-अपने स्तर से कोरोना महामारी को हराने में जुटी हुई है। सरहद पर एसएसबी भी कोरोना योद्धा के रूप में काम कर रही है। एसएसबी बॉर्डर पर भारतीय नागरिकों के साथ नेपाली नागरिकों की भी कोरोना महामारी में मदद कर रही है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 05 Jun 2021 04:25 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jun 2021 04:25 PM (IST)
आइजी ने पंचेश्वर में कोविड केयर सेंटर व पंचम वाहिनी परिसर में किया टाइप टू आवासों का शुभारंभ
आइजी ने पंचेश्वर में कोविड केयर सेंटर व पंचम वाहिनी परिसर में किया टाइप टू आवासों का शुभारंभ

चम्पावत, जागरण संवाददाता : कोविड महामारी से हर कोई त्रस्त है। सभी लोग अपने-अपने स्तर से कोरोना महामारी को हराने में जुटी हुई है। सरहद पर एसएसबी भी कोरोना योद्धा के रूप में काम कर रही है। एसएसबी बॉर्डर पर भारतीय नागरिकों के साथ नेपाली नागरिकों की भी कोरोना महामारी में मदद कर रही है। इसके लिए पंचेश्वर स्थित इंडो नेपाल बॉर्डर पर पंथूरा जूनियर हाइस्कूल में दस बेड का कोविड केयर सेंटर का निर्माण किया गया है। जिसका लाभ बॉर्डर पर रह रहे लोगों को दिया जा रहा है। यह बात शनिवार को पंचम वाहिनी एसएसबी परिसर में पहुंचे आइजी संजय कुमार ने कही।

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आइजी संजय ने विश्व पर्यावरण दिवस पर शनिवार को परिसर में पत्नी डा. निधि प्रसाद के साथ विभिन्न प्रकार के पौधों का रोपण किया। इसके बाद उन्होंने परिसर में एसएसबी जवानों के लिए टाइप टू के 128 आवासों का विधिवत पूजा अर्चना के साथ शुभारंभ किया। पांच साल में करीब 23 करोड़ की लागत से इन आवासों का निर्माण सीपीडब्लूडी ने किया। पंडित जयप्रकाश दुबे ने पूजा अर्चना कराई। शुक्रवार को आइजी ने लोहाघाट से पंचेश्वर बीओपी तक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पंचेश्वर में एसएसबी द्वारा बनाए गए दस बेड कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण कर शुभारंभ किया।

आइजी संजय ने बताया कि कोविड सेंटर में बॉर्डर पर रह रहे लोगों व नेपाली नागरिकों को कोविड उपचार का लाभ मिलेगा। सेंटर पर ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर के साथ कोविड संबंधी सभी प्रकार की दवाएं उपलब्ध है। एसएसबी द्वारा सेंटर पर पैरामेडिकल स्टॉफ भी उपलब्ध है। डा. शिवानी द्वारा विजिट भी समय-समय पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रत्येक बीओपी को रोड से जोडऩे के लिए कार्यवाही की जा रही है। इसके लिए सिक्किम से कालापानी तक सर्वे का कार्य किया जा रहा है।

बॉर्डर पर नाइट विजय सीसीटीवी कैमरे के साथ थर्मल स्क्रीनिंग मशीनें लगाई जा रही है। जिससे अंतरराष्ट्रीय तस्करी को रोका जा सके। इस मौके पर कमांडेंट प्रमोद देवरानी, सेकेंड इंन कमांड हरीश चंद्र जोशी, उप कमांडेंट हरेंद्र सिंह, संतोष पंडित, असीटेंडेंट कमांडेंट घनश्याम पटेल, डा. शिवानी, संचार इंस्पेक्टर संदीप कुमार, एसआइ देवाराम जाट, एएसआइ संजीव कुमार नाथ, अरुण कुमार बुड़थाकोटी, चंदन सिंह आदि शामिल रहे।

जवानों को दी जा रही बेहतर सुविधाएं

आइजी संजय कुमार ने बताया कि जवानों को बेहतर सुविधाएं दी जा रही है। बॉर्डर पर मोबाइल नेटवर्क की समस्या को दूर करने के लिए डीएसपीटी लगाया गया है। इसके साथ वायरलेस सेट भी लगाया गया है। जिससे जवान अपने स्वजनों से वीडियो कॉल से बात कर सकते हैं और अपने आप को तनाव से दूर रख कर मुस्तैदी से ड्यूटी कर सकते हैं। जवानों को संदिक्षा अध्यक्षा डा. निधि ने कोरोना के प्रति जागरूक भी किया। भारत नेपाल बॉर्डर पर अभी कोई मेजर इश्यू नहीं आया है। साइंटिफिक डेटा तैयार कर लिया गया है। इसके हिसाब से बॉर्डर पर मिसिंग पिलरों का निर्माण किया जा रहा है। कोरोना के चलते अभी यह कार्य बंद चल रहा है।

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