सीएम की घोषणा पूरी हुई तो बाघ के दीदार तय, रामनगर के रास्ते कॉर्बेट जाने वाले व पाखरो में प्रस्तावित है टाइगर सफारी
रविवार को सीएम तीरथ सिंह रावत के समक्ष टाइगर सफारी की मांग रखी गई। सफारी के महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री ने मंच से ढेला में टाइगर सफारी की घोषणा की। कॉर्बेट के पार्क वार्डन आरके तिवारी ने बताया कि अब प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, रामनगर : अब कॉर्बेट पार्क में आने वाले पर्यटक बाघ नहीं दिखने को लेकर मायूस नहीं होंगे। यदि मुख्यमंत्री की ढेला में टाइगर सफारी बनाने की घोषणा परवान चढ़ी तो पर्यटकों को हर हाल में बाघ के दर्शन हो सकेंगे।
कॉर्बेट पार्क के कालागढ़ क्षेत्र के पाखरों में टाइगर सफारी स्वीकृत है, लेकिन यहां टाइगर सफारी बनने से उसका लाभ रामनगर से कॉर्बेट जाने वाले पर्यटकों को नहीं मिलता। कोटद्वार के गेट से कॉर्बेट जाने वाले पर्यटकों को इसका लाभ मिलता है। रामनगर के रास्ते कॉर्बेट जाने वाले पर्यटकों के लिए भी टाइगर सफारी बनाने की मांग की जा रही थी। विधायक दीवान सिंह बिष्ट व उनके वन विभाग के प्रतिनिधि मदन जोशी लंबे समय से ढेला में ही टाइगर सफारी की मांग कर रहे थे।
बीते दिनों रामनगर आए राज्य सभा सदस्य अनिल बलूनी के समक्ष भी यह मांग उठी थी। रविवार को रामनगर में सीएम तीरथ सिंह रावत के समक्ष टाइगर सफारी की मांग रखी गई। टाइगर सफारी के महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मंच से ढेला में टाइगर सफारी की घोषणा की। कॉर्बेट के पार्क वार्डन आरके तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद अब प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। विभागीय प्रक्रिया पूरी करने के बाद टाइगर सफारी के निर्माण की दिशा में काम शुरू किया जाएगा।
ऐसे होगी टाइगर सफारी
ढेला क्षेत्र में जंगल के काफी बड़े क्षेत्र को चारों ओर से बंद कर उसे बाड़े का स्वरूप दिया जाएगा। इस बाड़े में घायल, बीमार बाघों को ठीक करके छोड़ा जाएगा। इसके बाद पर्यटकों को इस बाड़े में बंद गाड़ी में सफारी कराकर बाघों के दर्शन कराए जाएंगे।
रेस्क्यू सेंटर में बनेगी टाइगर सफारी
ढेला में टाइगर सफारी के लिए विभाग को भूमि चिह्नित नहीं करनी होगी। ढेला क्षेत्र में 12 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे रेस्क्यू सेंटर की भूमि पर ही टाइगर सफारी बनेगी।
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