निजी अस्पताल में पत्नी की मौत पर मुआवजे को लेकर पति ने हाई कोर्ट में लगाई याचिका
डेढ़ साल पूर्व निजी अस्पताल में उपचार के दौरान पत्नी की मौत होने पर पति ने मुआवजे की मांग को लेकर हाई कोर्ट में रिट दायर की है।
चम्पावत, जेएनएन : डेढ़ साल पूर्व निजी अस्पताल में उपचार के दौरान पत्नी की मौत होने पर पति ने मुआवजे की मांग को लेकर हाई कोर्ट में रिट दायर की है। पति ने स्वास्थ्य सचिव, महानिदेशक से लेकर आठ लोगों को पार्टी बनाया है। इस मामले में सीएमओ ने काउंटर दाखिल किया है कि मामले में कोई पीएम रिपोर्ट नहीं है और निजी अस्पताल प्रबंधन व पति को मौत के बाद पीएम करवाना चाहिए। वहीं जांच में भी इस प्रकार की कोई लापरवाही सामने नहीं आई। जिस कारण मुआवजा देना संभव नहीं है।
निजी अस्पताल में उपचार के दौरान हुई थी मौत
करीब डेढ़ साल पूर्व मनरेगा के उप कार्यक्रम अधिकारी सुनील कुमार गुप्ता ने प्रशासन से की शिकायत की थी कि 28 मई को मामूली बीमारी के उपचार के लिए उन्होंने अपनी पत्नी शिवानी को नगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। सुनील का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने निश्चेतक बगैर ही शिवानी का ऑपरेशन कर दिया था। इसके चलते देर शाम तक उसे होश नहीं आया था। चिकित्सकों ने उस दौरान उन्हें उनकी पत्नी से मिलने भी नहीं दिया। उसे लगातार गुमराह करते रहे। बाद में उसे खटीमा रेफर कर दिया। जहां उपचार के दौरान शिवानी की मौत हो गई थी।
स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को दे दी थी क्लीन चिट
मामले की जब स्वास्थ्य विभाग ने जांच की तो स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल प्रबंधन को क्लीन चिट दे दी। बाद में एसडीएम टनकपुर ने भी मामले की जांच की थी। जिसमें जांच में कुछ नहीं मिला। वहीं मामले में पीडि़त सुनील ने बीती 17 दिसंबर 2018 को पत्नी की मौत पर मुआवजे की मांग को लेकर हाई कोर्ट में रिट दायर की है। सुनील ने मामले में प्रथम स्वास्थ्य सचिव, द्वितीय स्वास्थ्य महानिदेशक, तृतीय डीएम, चतुर्थ सीएमओ चम्पावत, पंचम सीएमओ यूएस नगर, छठा चम्पावत का जीवन अनमोल अस्पताल, सातवां खटीमा का प्रयास अस्पताल, आठवां पाटी के एलआइसी एसबीआइ को पार्टी बनाया है।
25 लाख रुपये मांगा मुआवजा
याचिकाकर्ता ने करीब 25 लाख रुपये मुआवजे की मांग की हैं। वहीं मामले में सीएमओ डॉ. आरपी खंडूरी ने रिट के जवाब में 14 जनवरी को हाई कोर्ट में काउंटर दाखिल किया है। रिट को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। सुनील ने कोर्ट से कहा है कि एक से पांच नंबर तक या फिर छह से आठ नंबर तक के लोग मिलकर मुझे मुआवजा दें। कोर्ट में मामले में अभी सुनवाई चल रही है।
अधिक रक्तश्राव से हुई थी महिला की मौत : सीएमओ
डॉ. आरपी खंडूरी, सीएमओ, चम्पावत ने बताया कि मनरेगा कार्मिक ने पत्नी की मौत पर करीब 25 लाख रुपये मुआवजे की मांग को लेकर हाईकोर्ट में रिट दायर की है। जिसके जवाब में 14 जनवरी को मैंने काउंटर दाखिल किया। महिला की मौत बच्चेदानी में अत्यधिक रक्तस्त्राव की वजह से हुई। मौत के बाद प्रयास हॉस्पिटल प्रबंधन व पति को पीएम कराना चाहिए था। बगैर पोस्टमार्टम के स्थिति साफ नहीं हो सकती है। मामले में भी जांच की गई थी। जिसमें साफ था कि चम्पावत निजी अस्पताल में महिला के उपचार के दौरान एनेस्थेटिक की जरूरत नहीं थी। कार्मिक के आरोप गलत हैं।
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