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दहेज हत्या के आरोप में एयरफोर्स कर्मी पति, पिता और मां दोषी करार, सात सात साल की कैद

कुसुमखेड़ा के रेशमबाग निवासी महिला की करीब तीन साल पहले संदिग्ध हालात में मौत के मामले में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश एयर फोर्स में तैनात पति समेत सास-ससुर को दहेज हत्या का दोषी ठहरा

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 11:01 AM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 11:01 AM (IST)
दहेज हत्या के आरोप में एयरफोर्स कर्मी पति, पिता और मां दोषी करार, सात सात साल की कैद
दहेज हत्या के आरोप में एयरफोर्स कर्मी पति, पिता और मां दोषी करार, सात सात साल की कैद

हल्द्वानी, जेएनएन : हल्‍द्वानी के कुसुमखेड़ा के रेशमबाग निवासी महिला की करीब तीन साल पहले संदिग्ध हालात में मौत के मामले में कोर्ट ने एयर फोर्स में तैनात पति समेत सास-ससुर को दहेज हत्या का दोषी ठहराया है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार ने की काेर्ट ने तीनों को सात-सात साल कैद की सजा सुनाने के साथ ही उन पर 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। तीनों दोषियों को जेल भेज दिया गया है। 

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शासकीय अधिवक्ता नवीन जोशी ने बताया कि चांदनी चौक घुड़दौड़ा में रहने वाले लाल सिंह दरम्वाल की बेटी भावना की शादी चार जून 2015 को कुसुमखेड़ा के रेशम बाग के समीप, गैस गोदाम रोड निवासी राजेंद्र सिंह मनराल से हुई थी। राजेंद्र वायु सेना में कार्यरत है। शादी के बाद ही राजेंद्र, उसके पिता भोपाल सिंह व मां भगवती देवी मकान बनवाने के लिए भावना से मायके से 15 लाख रुपये लाने की डिमांड करने लगे। लाल सिंह ने जमीन बेचकर पांच लाख रुपये बेटी को दिए भी। इसके बावजूद भावना के ससुरालियों का उत्पीडऩ कम नहीं हुआ। 10 अगस्त 2016 को संदिग्ध हालात में भावना अपने कमरे में फंदे से झूलती हुई मिली। पिता लाल सिंह ने भावना के पति, सास व ससुर के विरुद्ध दहेज उत्पीडऩ का मुकदमा दर्ज कराया। विवेचक तत्कालीन सीओ राजेंद्र सिंह ह्यांकी ने प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किए। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में नौ गवाह पेश किए गए, जिसके आधार पर न्यायालय ने राजेंद्र सिंह मनराल, भोपाल सिंह मनराल व भगवती मनराल को सात-सात साल का कारावास व 25-25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। 

पति समेत सास-ससुर को 10 साल का कारावास

विवाह के साढ़े पांच माह बाद ही महिला की मौत के मामले में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश हल्द्वानी मो. सुल्तान की अदालत ने मंगलवार को पति व सास-ससुर को 10-10 साल के सश्रम कारावास और 25-25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। बरेली जिले की देवरनिया बहेड़ी निवासी चंद्रपाल की बहन ऊषा का विवाह 18 अप्रैल 2016 को एचएमटी कॉलोनी रानीबाग निवासी धरमवीर सिंह से हुआ था। विवाह के साढ़े पांच माह बाद ही सात अक्टूबर 2016 को ऊषा की ससुराल में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। चंद्रपाल ने ऊषा के पति धरमवीर सिंह समेत ससुर ढाकन लाल व सास उर्मिला देवी के विरुद्ध दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। सोमवार को कोर्ट ने तीनों को दोषी ठहराया था और मंगलवार को तीनों दोषियों को 10-10 साल सश्रम कारावास व 25-25 हजार रुपये अर्थदंड की सुजा सुनाई। 


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