करवाचौथ काे उजड़ गया सुहाग, इलाज की फीस माफ करवाने को पत्नी ने मेडिकल काॅलेज प्राचार्य का पैर पकड़ा
एक ओर गुरुवार को जहां सुहागिनें करवाचौथ की तैयारी में व्यस्त थी वहीं एक पत्नी अपने पति की मौत के बाद उसके इलाज का खर्चा माफ करवाने के लिए भटकती रही।
हल्द्वानी, जेएनएन : एक ओर गुरुवार को जहां सुहागिनें करवाचौथ की तैयारी में व्यस्त थी, वहीं एक पत्नी अपने पति की मौत के बाद उसके इलाज का खर्चा माफ करवाने के लिए भटकते रही। नौबत मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के पैरों पर गिड़गिड़ाने तक आ गई। प्राचार्य व स्टाफ ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए न केवल इलाज का पूरा खर्चा माफ कर दिया, बल्कि शव घर भेजने के लिए निश्शुल्क एंबुलेंस का भी इंतजाम किया।
रुद्रपुर निवासी मोनिका वर्मा के पति उमेश वर्मा कुछ दिन पहले सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, मगर आर्थिक हालत खराब होने के कारण परिजनों ने उमेश को हल्द्वानी के एसटीएच में भर्ती कराया। यहां बुधवार रात को उमेश की मौत हो गई। एक ओर अस्पताल प्रबंधन मृतक के पोस्टमार्टम की तैयारी में लगा था तो दूसरी ओर मोनिका अस्पताल का 11 हजार का बिल कैसे चुकाया जाएगा, इस बात को लेकर रातभर परेशान रही। सुबह होते ही अस्पताल प्रबंधन ने शव मोर्चरी पहुंचाया। मोनिका की फीस कम करने की गुहार के मद्देनजर 50 फीसद बिल माफ कर दिया गया। लेकिन मोनिका ने बची हुई रकम चुकाने में भी असमर्थता जाहिर कर दी। दोपहर को मोनिका मेडिकल कॉलेज पहुंची, जहां प्राचार्य डॉ. सीपी भैसोड़ा के आते ही बिल माफ करवाने को लेकर मोनिका ने उनके पैर पकड़ लिए। मामले का संज्ञान लेते हुए प्राचार्य ने स्टाफ को पोस्टमार्टम कर पति का शव मोनिका को सौंपने व एक एंबुलेंस की व्यवस्था कर मोनिका को घर पहुंचाने के निर्देश दिए।
सोशल मीडिया में उड़ी अफवाह
इधर, जहां मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मोनिका का दर्द समझते हुए उसकी मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी वहीं, सोशल मीडिया में कई तरह की अफवाहें भी उड़ाई गईं। कहा जाने लगा कि बिल न चुका पाने की हालत में अस्पताल प्रबंधन ने मोनिका के पति का शव उसे नहीं लौटाया। मजबूरी में महिला को प्राचार्य के पैरों में गिड़गिड़ाना पड़ा। मौके पर लोगों के आक्रोश को देखते हुए मोनिका के अस्पताल की फीस माफ कराई गई।
फीस माफ कर एंबुलेंस में घर भेजा गया
डॉ. सीपी भैसोड़ा, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी ने बताया कि महिला के पति की बुधवार रात एसटीएच में मौत हो गई थी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था। महिला के कहने पर पूरी फीस माफ कर उसे एंबुलेंस में घर भेजा गया। सोशल मीडिया में अस्पताल के खिलाफ अफवाह उड़ाया जाना गलत है।