हड़ताल, धरना-प्रदर्शन से कितना नुकसान हुआ, परिवहन निगम मुख्यालय ने अफसरों से मांगा जवाब
महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन ने नैनीताल टनकपुर और देहरादून रीजन के आरएम को पत्र भेज पूछा है कि सात जनवरी 2021 से अब तक हड़ताल धरने प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार की वजह से बसों का संचालन कितना प्रभावित हुआ।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : उत्तराखंड परिवहन निगम में बैठक, प्रदर्शन और विरोध का सिलसिला जारी है। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के बाद अब उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन भी आंदोलन के मैदान में उतर चुकी है। वहीं, परिवहन निगम मुख्यालय द्वारा जारी एक आदेश ने महकमे में हलचल और तेज कर दी है। महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन ने नैनीताल, टनकपुर और देहरादून रीजन के आरएम को पत्र भेज पूछा है कि सात जनवरी 2021 से अब तक हड़ताल, धरने, प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार की वजह से बसों का संचालन कितना प्रभावित हुआ। किस यूनियन द्वारा यह विरोध कार्यक्रम किए गए थे। और परिवहन निगम को इसकी वजह से कितना नुकसान हुआ। फिलहाल सभी एआरएम अपने-अपने डिपो की रिपोर्ट जुटाने में लगे हुए हैं।
उत्तराखंड रोडवेज में वर्तमान में सात कर्मचारी संगठन सक्रिय हैं। संविदा-विशेष श्रेणी और नियमित कर्मी व अफसरों की संख्या करीब छह हजार है। रोडवेजकर्मियों को देरी से वेतन मिलने, एसीपी रिकवरी के लिए नोटिस मिलने, ड्यूटी चार्ट तैयार करने में मनमानी, डयूटी रेस्ट समेत कई मुद्दों को लेकर कर्मचारी संगठन लगातार आवाज बुलंद कर रहे हैं। इस साल की शुरुआत में रोडवेज कर्मचारी सयुंक्त परिषद ने धरने व बैठक के बाद कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया था।
हालांकि, बाद में मुख्यालय स्तर पर हुई बैठक में हड़ताल टल गई थी। वहीं, अब उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। इस बीच जीएम संचालन ने अफसरों को निर्देशित कर रिपोर्ट तैयार करने को कहा। कर्मचारियों का नाम व पद भी रिपोर्ट में शामिल करना होगा। एआरएम के माध्यम से यह रिपोर्ट आरएम और फिर परिवहन निगम मुख्यालय पहुँचेगी। चर्चा है कि इसके बाद कार्रवाई भी होगी।