दारमा घाटी में भूस्खलन से 35 मकान खतरे की जद में, चीन सीमा को जोडऩे वाली सड़क पर भी संकट
पिथौरागढ़ जिले के दारमा घाटी के दर गांव के करीब हो रहे भूस्खलन से 35 मकान खतरे की जद में आ गए हैं। पानी का रिसाव भूमिगत हो जाने से भूस्खलन की समस्या खड़ी हुई है। भू-वैज्ञानिकों की टीम ने परिवारों को विस्थापित किए जाने की आवश्यकता बताई है।
पिथौरागढ़, जागरण संवाददाता : पिथौरागढ़ जिले के दारमा घाटी के दर गांव के करीब हो रहे भूस्खलन से 35 मकान खतरे की जद में आ गए हैं। पानी का रिसाव भूमिगत हो जाने से भूस्खलन की समस्या खड़ी हुई है। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ गांव पहुंची भू-वैज्ञानिकों की टीम ने खतरे में आए परिवारों को विस्थापित किए जाने की आवश्यकता बताई है। भूस्खलन से चीन सीमा को जोडऩे के लिए बनाई गई सड़क भी खतरे की जद में है।
अक्टूबर माह में हुई बारिश से दर गांव के पास विशाल चट्टान दरक गई थी। इस चट््टान से भूस्खलन थम नहीं रहा है। मौसम साफ हो जाने के बाद भी हर रोज भारी मात्रा में बोल्डर और मलबा गिर रहा है। चीन सीमा को जोडऩे वाली सड़क पर कई टन मलबा जमा है। सड़क का नामो निशान फिलहाल नहीं दिखाई दे रहा है। पैदल आवागमन भी लोगों के लिए संभव नहीं हो पा रहा है।
लगातार हो रहे भूस्खलन को देखते हुए प्रशासन ने जिला भूर्गभ अधिकारी प्रदीप कुमार को भूगर्भीय जांच के लिए दर गांव भेजा था। दो दिनों तक भूगर्भीय जांच के बाद उन्होंने बताया कि जमीन की ऊपरी सतह पर बहने वाला पानी गांव के समीप भारी मात्रा में भूगर्भ में जमा हो गया है। पानी का रिसाव जमीन के भीतर ही भीतर हो रहा है। जिससे चट्टान दरक रही है। इसी के चलते गांवों के मकानों के लिए खतरा खड़ा हो गया है। खतरे में आए परिवारों का विस्थापन करना होगा।
उन्होंने कहा कि भूगर्भीय स्थितियों के चलते फिलहाल सड़क पर भी खतरा बना हुआ है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही पूरी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी जाएगी। निरीक्षण के दौरान धारचूला के उपजिलाधिकारी एके शुक्ला भी मौजूद रहे। एसडीएम, धारचूला एके शुक्ला ने बताया कि दर गांव के समीप हो रहे भू-स्खलन के कारणों का पता लगाने के लिए भूगर्भीय सर्वेक्षण कराया गया है। भू-वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।