हल्द्वानी के शीतलाहाट वाटर फिल्टर प्लांट में लगेगी अत्याधुनिक शोधन मशीन
जलसंस्थान ने शहर वासियों को और अधिक शुद्ध पानी पिलाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : जलसंस्थान ने शहर वासियों को और अधिक शुद्ध पानी पिलाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। जल्द फिल्टर और क्लोरीनेशन के बजाय अत्याधुनिक शोधन मशीन से पेयजल बनाया जाएगा। शुरुआत में शीतलाहाट फिल्टर प्लाट में इसे लगाया जाएगा।
हल्द्वानी शहर में गौला नदी, शीतलाहाट गधेरा और नलकूप से पानी की आपूíत होती है। गौला नदी का पानी शीशमहल स्थित फिल्टर प्लाट और शीतलाहाट गधेरे का पानी वहीं बने फिल्टर प्लाट में साफ कर लोगों को दिया जाता है। क्लोरीनेशन भी किया जाता है। इसके बावजूद कई स्थानों से दूषित पानी की आपूíत होने की शिकायत मिलती रहती है। जलसंस्थान के अधिशासी अभियंता विशाल कुमार ने बताया कि कुछ दिन पहले जिलाधिकारी ने बैठक में लोगों को शुद्ध पानी की आपूíत के लिए अत्याधुनिक उपकरणों को लगाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद पहले चरण में शीतलाहाट फिल्टर प्लाट में अत्याधुनिक शोधन लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। अभी यह पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलेगा, जिसके लिए दिल्ली की एक कंपनी से करार किया गया है। अगर शीतलाहाट फिल्टर प्लाट में अत्याधुनिक शोधन मशीन लगने से पानी और अधिक शुद्ध मिलने लगा तो जल्द ही शीशमहल फिल्टर प्लाट में भी मशीन लगाई जाएगी। शीतलाहाट से 2.5 एमएलडी और गौला से 30 एमएलडी पानी की आपूíत
अधिशासी अभियंता ने बताया कि शीतलाहाट फिल्टर प्लाट से 2.5 एमएलडी (25 लाख लीटर) और शीशमहल फिल्टर प्लाट से 30 एमएलडी (तीन करोड़ लीटर) पानी की आपूíत जलसंस्थान करता है। इसके अलावा जलसंस्थान अपने और सिंचाई के नलकूपों से भी आपूíत करता है।