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स्‍टोन क्रशर को लेकर हाईकाेर्ट सख्‍त, सरकार व क्रशर मालिकों को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

खैरनी में स्टोन क्रेशर लगाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हुए दो स्टोन क्रेशर मालिकों राज्य सरकार स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड भारत सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 04:08 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 04:08 PM (IST)
स्‍टोन क्रशर को लेकर हाईकाेर्ट सख्‍त, सरकार व क्रशर मालिकों को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
स्टोन क्रेशर लगाए जा रहे वह भूमि नदी से दो सौ मीटर की दूरी पर है। यह उपजाऊ भूमि है।

जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाईकोर्ट ने नैनीताल के बेतालघाट ब्लाक के खैरनी व धारी में माँ शीतला देवी स्टोन क्रेशर व माँ शैलपुत्री स्टोन क्रेशर लगाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हुए दोनों स्टोन क्रेशर मालिकों, राज्य सरकार, स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड भारत सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।

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गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में

समाजसेवी दलीप सिंह बोरा, खैरनी गांव के चंदन सिंह और दीवान सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा है कि बेतालघाट ब्लाक के एक तरफ खैरनी और धारी दूसरी तरफ धनियाखेत, बालाकोट सहित अन्य गांव कोसी नदी के दोनों तरफ स्थित है। इन लोगो की भूमि कोसी नदी के किनारे स्थित है। जिस जगह पर मां शीतला स्टोन क्रेशर व माँ शैलपुत्री स्टोन क्रेशर लगाए जा रहे है वह भूमि नदी से दो सौ मीटर की दूरी पर है। यह भूमि गांववालों की उपजाऊ भूमि है।

स्टोन क्रेशर मालिकों ने गांव वालों से बड़ी मात्रा में भूमि क्रय की हुई है। जिस स्थान पर स्टोन क्रेशर लगाए जा रहे है, वहां पर इन गांवों के लिए 15 हजार लीटर की वाटर पम्पिंग योजना चल रही है । जिसे नुकसान होने की पूर्ण सम्भावना है। याचिकार्ताओ का कहना है कि बेतालघाट ब्लाक में पहले से ही छः सात स्टोन क्रेशर कार्यरत है, अब नए स्टोन क्रेशर लगाने की जरूरत नही है।। पहले से कार्यरत स्टोन क्रेशरों ने क्षेत्र को दूषित कर रखा है और दो नए स्टोन क्रेशर लगाने से पर्यावरण के साथ उनको उनके मवेशियों के लिए भी घातक होगा, इसलिए यहां स्टोन क्रेशर लगाने पर रोक लगाई जाय। याचिकर्ताओ का यह भी कहना है कि ध्वनि प्रदूषण नियमावली में साफ लिखा है कि स्टोन हर क्षेत्र में नही लगाए जा सकते है। सरकार इनको लगाने के लिए जगह का निर्धारण करेगी। दोनों स्टोन क्रेशर इस नियमावली के विरुद्ध लगाए जा रहे है।


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