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श्रीनगर गढ़वाल पालिका भंग करने के आदेश पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

सरकार ने इसी साल तीन जनवरी को श्रीनगर नगरपालिका को भंग कर दिया था। इस याचिका में उन्होंने सरकार के पालिका को भंग करने के आदेश को चुनौती दी है। एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद श्रीनगर पालिका को भंग करने के आदेश पर रोक लगा दी है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Fri, 14 Jan 2022 09:05 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jan 2022 09:05 PM (IST)
श्रीनगर गढ़वाल पालिका भंग करने के आदेश पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक
सरकार को चार सप्ताह के भीतर जबाव दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने नगरपालिका श्रीनगर को भंग करने के राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही सरकार को चार सप्ताह के भीतर जबाव दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। 

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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ में नगरपालिका श्रीनगर की अध्यक्ष पूनम तिवारी की याचिका पर सुनवाई हुई। पालिकाध्यक्ष ने हाई कोर्ट में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर कर सरकार की दो अधिसूचनाओं को  चुनौती दी है। पहली याचिका में सरकार की ओर से 31 दिसंबर को जारी आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है। इस आदेश में सरकार ने श्रीनगर नगरपालिका को नगर निगम का दर्जा दे दिया था, जबकि याचिकाकर्ता का कहना है कि नगर निगम बनाने के लिए निकाय की आबादी 90 हजार से अधिक होनी चाहिए, जो अभी नहीं है। श्रीनगर की आबादी मात्र 37 हजार के करीब है। यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है,  दूसरे आदेश में सरकार ने इसी साल तीन जनवरी को श्रीनगर नगरपालिका को भंग कर दिया था। इस याचिका में उन्होंने सरकार के पालिका को भंग करने के आदेश को चुनौती दी है। एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद श्रीनगर पालिका को भंग करने के आदेश पर रोक लगा दी है।


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