गेहूं खरीद में लापरवाही और भुगतान में देरी पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा
गेहूं खरीद में लापरवाही और भुगतान में देरी पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। प्रदेश में केंद्रों पर अब तक करीब 30 करोड़ 83 लाख 93 हजार का गेहूं खरीदा गया है।
नैनीताल, जेएनएन : गेहूं खरीद में लापरवाही और भुगतान में देरी पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। अभी तक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में गेहूं खरीद केंद्रों पर अब तक करीब 30 करोड़ 83 लाख 93 हजार का गेहूं खरीदा गया है। इसमें से सरकार अब तक 27 करोड़ 84 लाख का भुगतान किसानों को कर चुकी है।
मंगलवार को न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया व न्यायमूर्ति रवींद्र मैथानी की खंडपीठ में ऊधमसिंह नगर निवासी डॉ. गणेश उपाध्याय व गदरपुर निवासी किसान मुरलीधर की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कोरोना संक्रमण के दौरान आ रही भुगतान की दिक्कत के समाधान की मांग की गई।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संदीप तिवारी ने कहा कि बारिश के कारण गेहूं का रंग बदल गया है। गेहूं को परिशुद्ध करने का कार्य उत्तराखंड तराई एवं बीज विकास निगम की ओर से किया जाता है। इस संबंध में पीठ ने सरकार से जवाब तलब कर लिया।
गन्ने के भुगतान के संबंध में कोर्ट ने भुगतान करने वाली संस्था को पक्षकार बनाने का भी निर्देश दिया। सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व सीएससी परेश त्रिपाठी ने कहा कि केंद्रों के माध्यम से 1.60 लाख कुंतल गेहूं खरीदा गया है। गेहूं की गुणवत्ता के मानक तय हैं। उसी के अनुसार गेहूं खरीदा जाता है। कोर्ट ने अगली सुनवाई 12 मई को निर्धारित कर दी।
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