छात्रों के प्रवेश का मामला हाईकोर्ट पहुंचा, तीन फुटबाल खिलाड़ियों पर लगाया प्रतिबंध
कुमाऊं विवि के परिसरों और संबद्ध कॉलेजों में सीटों पर प्रवेश को लेकर किए जा रहे धरना-प्रदर्शन का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। वहीं तीन फुटबाल खिलाड़ियों पर प्रतिबंध भी लगाया गया।
नैनीताल, [जेएनएन]: कुमाऊं विवि के परिसरों और संबद्ध कॉलेजों में मानक से अधिक सीटों पर प्रवेश को लेकर किए जा रहे धरना-प्रदर्शन का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन कुमाऊं विवि यूनिट को दस्ती नोटिस जारी कर छह अगस्त तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ व न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ के समक्ष चम्पावत निवासी प्रमोद जोशी की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि कुमाऊं विवि के संबद्ध कॉलेजों में क्षमता से अधिक छात्रों को प्रवेश देने के लिए चार संगठनों द्वारा धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है।
इस कारण मेरिट में शामिल छात्र-छात्राएं प्रवेश से वंचित हो रहे हैं। कहा कि कॉलेजों में 23 जुलाई से कक्षाएं शुरू होनी थी, लेकिन अभी तक शुरू नहीं हो सकी हैं। याचिकाकर्ता की ओर से आग्रह किया गया कि जिन छात्रों का चयन प्रवेश के लिए हुआ है, उन्हें प्रवेश लेने में किसी तरह का व्यवधान उत्पन्न ना किया जाए।
यह भी कहा कि छात्र संगठनों की तालाबंदी व हड़ताल के कारण कॉलेज प्रशासन प्रवेश देने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं। मामले को सुनने के बाद खंडपीठ ने विद्यार्थी परिषद, एनएसयूआई की कुमाऊं विवि यूनिट को दस्ती नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है।
तीन फुटबाल खिलाड़ियों पर तीन साल का प्रतिबंध
हाइकोर्ट ने नैनीताल के खेल क्लब शीला माउंट के तीन खिलाडिय़ों को तीन साल के लिए खेलने से प्रतिबंधित कर दिया है।
कुछ दिन पूर्व फ्लैट्स मैदान पर लैंडो लीग फुटबाल मैच शीला माउंट और लीमैक्स क्लब के बीच चल रहा था। शीला माउंट के मैदान से बाहर बैंच पर बैठे अतिरिक्त खिलाड़ियों ने रेफरी को गालीगलौच कर दी। मैच के 57वें मिनट में तीनों अतिरिक्त खिलाड़ी मैदान में घुस गए और रेफरी को मारने दौड़ पड़े। इसके बाद मैच रोकना पड़ा।
रेफरी के साथ किए गए बर्ताव के बाद जिला खेल संघ (डीएसए) की बैठक में शीला माउंट को एक साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया। डीएसए के इस फैसले को शीला माउंट द्वारा जिला कोर्ट में चुनौती दी गई। जिला कोर्ट ने जहां मैच खत्म हुआ था, वहीं से शुरू करने के आदेश पारित किए। निचली कोर्ट के आदेश को डीएसए द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में मामले पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने डीएसए व शीला माउंट को समझौते के लिए बुलाया। शपथ पत्र के साथ समझौता प्रारूप कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। जिसमें यह बताया गया कि पूरा मैच दोबारा खेला जाएगा। शीला माउंट के खिलाड़ी अयूब खान, गोविंद बोरा व संजय रावत को तीन साल के लिए खेलने पर प्रतिबंधित कर दिया गया।
कोर्ट ने इस समझौते के आधार पर आदेश जारी कर दिया। जिला क्रीड़ा संघ के महासचिव संजय बिष्ट उर्फ सोनू ने कहा कि खेल में अनुशासन जरूरी है। यदि अनुशासन तोड़ने वाले खिलाडिय़ों को दंडित नहीं किया गया तो टूर्नामेंट आयोजन असंभव हो जाएगा।
याचिकाकर्ता पर लगा 14 लाख का टैक्स
नैनीताल हाईकोर्ट में टैक्स चोरी सिंडीकेट जांच के लिए जनहित याचिका दायर करने वाले व्यक्ति पर ही कर अधिकारियों ने 14.22 लाख रुपये का टैक्स लगा दिया है। यह खुलासा सूचना का अधिकार में मिली जानकारी में हुआ है।
आरटीआइ कार्यकर्ता नदीमउद्दीन ने उत्तराखंड के महाधिवक्ता कार्यालय से सूचना का अधिकार के तहत टैक्स चोरी सिंडीकेट की जांच के लिए जनहित याचिका व दाखिल शपथपत्रों की प्रतिलिपि की सूचना मांगी। उपलब्ध कराई गई सूचना के तहत जनहित याचिकाकर्ता धर्मेंद्र ङ्क्षसह पर टैक्स चोरी करने का आरोप लगाया गया है।
इसके समर्थन में उत्तर प्रदेश के कमिश्नर के पत्र तथा दो वर्ष के केसों के कर निर्धारण आदेश भी लगाए गए हैं। धर्मेंद्र पर 14.22 लाख का वैट लगाया गया है। कमिश्नर वाणिज्यकर लखनऊ के उत्तराखंड राज्य कर को 24 मई 2018 को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि धर्मेंद्र सिंह का वर्ष 2014-15 व 2015-16 का कर निर्धारण आदेश कर दिया गया है। वर्ष 2013-14 के कर निर्धारण के लिए कार्रवाई की है। 2016-17 तथा 2017-18 के कर निर्धारण के लिए नोटिस जारी किए गए हैं।
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