ढैंचा बीज घोटाला मामले में मुख्यमंत्री को बड़ी राहत
ढैंचा बीज घोटाला मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : ढैंचा बीज घोटाला मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने पूर्व भाजपा नेता व जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी की इस मामले की जांच कराने को लेकर दायर जनहित याचिका को खारिज कर दी।
जीएमवीएन पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने याचिका दायर कर कहा था कि 2010 में ढेंचा बीज घोटाला हुआ था। कृषि विभाग द्वारा 2005-06 में खरीफ की फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को ढेंचा बीज वितरण की योजना बनाई। कहा कि मांग से अधिक बीज खरीदा गया। बीज निर्धारित दरों से 60 फीसद अधिक दाम में खरीदा गया। याचिका में यह भी कहा गया था कि त्रिपाठी आयोग की जांच रिपोर्ट के बाद आरोपितों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिका में इस घोटाले की सीबीआइ जांच करने व त्रिपाठी आयोग की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की मांग की गई।
सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व मुख्य स्थायी अधिवक्ता परेश त्रिपाठी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता राजनीतिक व्यक्ति हैं। पूर्व में भाजपा नेता रह चुका है और जीएमवीएन के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। उनके द्वारा राजनीतिक द्वेष व पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर याचिका दायर की गई है, जो ग्राह्म नहीं है, लिहाजा खारिज किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ यह आदेश पारित कर चुकी है कि जांच आयोग की रिपोर्ट स्वीकार करने के लिए सरकार बाध्य नहीं है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया। यहां बता दें कि ढेंचा बीज घोटाला मामले को लेकर गाजियाबाद के जयप्रकाश डबराल भी जनहित याचिका वापस ले चुके हैं।