Covid-19 : हाई कोर्ट का निर्देश, जोन निर्धारण पर 21 मई तक रिपोर्ट पेश करे प्रदेश सरकार
हाई कोर्ट ने देहरादून को ऑरेंज और हरिद्वार जिले को रेड जोन घोषित करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई की।
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने देहरादून को ऑरेंज और हरिद्वार जिले को रेड जोन घोषित करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य सरकार से 21 मई तक जिलों के रेड, ऑरेंज व ग्रीन जोन के वर्गीकरण संबंधी रिपोर्ट तलब कर लिया।
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ में हरिद्वार निवासी अक्षित शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया कि सरकार ने हरिद्वार को रेड और देहरादून को ऑरेंज जॉन घोषित किया है। यह वर्गीकरण केंद्र की नियमावली के खिलाफ है। याचिकाकर्ता का कहना था कि 20 अप्रैल तक हरिद्वार में दो, जबकि देहरादून में दस कोरोना केस थे, परंतु सरकार ने हरिद्वार को रेड और देहरादून को ऑरेंज जॉन घोषित कर दिया।
इस पर मुख्य स्थायी अधिवक्ता परेश त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि 17 मई को केंद्र सरकार ने लॉकडाउन-4 की घोषणा कर रेड, ऑरेंज व ग्रीन जोन घोषित करने का अधिकार राज्यों को दिया है। इस गाइडलाइन के मुताबिक राज्य सरकार जोन निर्धारण करेगी। उन्होंने कोर्ट से जोन निर्धारण की रिपोर्ट पेश करने के लिए समय मांगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए 21 मई को रिपोर्ट पेश करने को कहा।
नैनीताल और ऊधमसिंहनगर को इस बार ऑरेंज जोन में
लॉकडाउन 4 में कुमाऊं मंडल के नैनीताल और ऊधमसिंहनगर जिले को छोड़कर चार जिले ग्रीन जोन में शामिल हैं। पिछले दिनों कोरोना के मामले बढ़ने के कारण नैनीताल और ऊधमसिंहनगर को इस बार ऑरेंज जोन में रखा गया है। ऑरेंज जोन में प्रतिबंधों के साथ सशर्त राहत दी जाएगी। प्रदेश में 7 से 4 बजे तक ही सभी सेवाएं खुलेंगी और सरकारी दफ्तर भी 10 से 4 ही खुलेंगे। ग्रीन में सभी तरह की दुकानें खोलने की अनुमित रहेगी। बता दें कि कुमाऊं में अब तक कोरोना के साथ 38 मामले सामने आ चुके हैं। जिनमें 16 नैनीताल में, 20 यूएस नगर में और दो मामले अल्मोड़ा में सामने आ चुके हैं। वहीं कुमाऊं के बागेश्वर, चंपावत और पिथौरागढ़ जिले में अब तक संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है।
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