हाई कोर्ट का निर्देश, आरटीई एक्ट के तहत छह सप्ताह में गरीब बच्चों को सुविधाएं दे सरकार
हाई कोर्ट ने प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन देहरादून की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को निर्देश दिए है कि वह आरटीई एक्ट के तहत प्रत्यावेदन छः सप्ताह में निस्तारित करे।
नैनीताल, जेएनएन । हाई कोर्ट ने प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन देहरादून की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को निर्देश दिए है कि वह आरटीई एक्ट के सेक्शन 12 (2) के तहत एशोसिएशन का प्रत्यावेदन छः सप्ताह में निस्तारित करे।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक सिंह की एकलपीठ में प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन देहरादून की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा है कि वे नॉन एडेड स्कूल चलाते हैं । प्रत्येक वर्ष राइट टू फ्री एजुकेशन के तहत सरकारी स्कूल के गरीब बच्चों को अपने स्कूल में पढ़ाते हैं । जिनकी फीस सरकार के द्वारा वहन किया जाना था लेकिन जिस तरह इन स्कूलों के बच्चों को प्राइवेट स्कूलो में प्रवेश दिया जाता है उस हिसाब से उनकी फीस व अन्य खर्चे सरकार नहीं दे रही है। विगत कई वर्षो से सरकार ने इन बच्चों की फीस जमा नही की है। सरकार को स्कूलों का लाखों भुगतान करना है। एसोसिएशन ने सरकार को फीस देने के लिए कई बार प्रत्यावेदन दिए परन्तु अभी तक उनको भुगतान नहीं किया।
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