Move to Jagran APP

बच्‍चे बाहर, कोरोना संक्रमित बुजुर्ग माता-पिता घर में, पड़ोसी और रिश्‍तेदार भी नहीं आ रहे मदद के लिए

कोरोना ने अकेले रह रहे बुजुर्गों की की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। संक्रमण के खतरे के कारण आस-पड़ोस के लोग भी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। ऐसे में संक्रमित होने वाले बुजुर्गों को अस्पताल में भर्ती कराना भी मुश्किल हो गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 10:16 AM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 10:16 AM (IST)
बच्‍चे बाहर, कोरोना संक्रमित बुजुर्ग माता-पिता घर में, पड़ोसी और रिश्‍तेदार भी नहीं आ रहे मदद के लिए
बच्‍चे बाहर, कोरोना संक्रमित बुजुर्ग माता-पिता घर में, पड़ोसी और रिश्‍तेदार भी नहीं आ रहे मदद के लिए

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : कोरोना ने अकेले रह रहे बुजुर्गों की की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। संक्रमण के खतरे के कारण आस-पड़ोस के लोग भी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। ऐसे में संक्रमित होने वाले बुजुर्गों को अस्पताल में भर्ती कराना भी मुश्किल हो गया है। मंगलवार को नोएडा में रहने वाली एक लड़की का फोन एसीएमओ डा. रश्मि पंत के पास आया और कहने लगी, मेरी मां बीमार है, उसे अस्पताल में भर्ती करवा दीजिए। फोन रिसीव करने के बाद डा. पंत ने पूरी जानकारी ली। 

loksabha election banner

नोएडा से लड़की ने एसीएमओ को मैसेज भेजा है, मेरे माता-पिता मुखानी में रहते हैं। दोनों संक्रमित हैं। मेरी मां को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। प्लीज उन्हें आप नीलकंठ अस्पताल में भर्ती करवा दीजिए। इस लड़की की पीड़ा को सुन एसीएमओ ने मदद तो करवा दी, लेकिन इस तरह पीड़ा केवल एक लड़की की नहीं है, बल्कि शहर में ऐसे तमाम बुजुर्ग अकेले ही रहते हैं। कोरोना की वजह से उनकी मुसीबतें बढ़ गई हैं। उनके पास नहीं उनके अपने बच्चे हैं और नहीं कोई अन्य। सरकारी स्तर से भी खास मदद नहीं है। कोरोना से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। सबसे अधिक बुजुर्गों के लिए ही यह बीमारी घातक हो रही है।

कोरोना रिपोर्ट के लिए भटकने को मजबूर लोग

कोरोना रिपोर्ट को लेकर लोग दर-दर भटक रहे हैं। कोरोना नियंत्रण के लिए भले ही कितने ही दावे किए जा रहे हैं, लेकिन कोरोना जांच रिपोर्ट समय पर नहीं मिल पा रही है। कैलाश नामक एक व्यक्ति ने 10 अप्रैल को मिनी स्टेडियम में जांच कराई थी। रिपोर्ट के लिए सीएमओ कैंप कार्यालय दो दिन चार बार चक्कर काट चुके हैं, लेकिन रिपोर्ट नहीं मिली। स्वजन के रिपोर्ट के लिए भटक रहे आलोक का कहना है कि कंट्रोल रूम का नंबर रिसीव ही नहीं होता है।

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.