हैलो डॉक्टर : देर से शादी व दूषित खानपान बनता है बांझपन का कारण
स्त्री एंव प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. गरिमा खन्ना ने बताया कि बांझपन का 70 फीसद इलाज संभव है। अगर व्यक्ति स्वस्थ जीवन शैली और संतुलित भोजन अपनाए तो।
हल्द्वानी, जेएनएन : दूषित खान पान, बदलते हार्मोन, अत्याधिक तनाव से पुरुषों में शारीरिक कमजोरी व महिलाओं में इंफर्टिलिटी (बांझपन) की समस्या बढ़ रही है। डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय की स्त्री एंव प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. गरिमा खन्ना ने बताया कि बांझपन का 70 फीसद इलाज संभव है। अगर व्यक्ति स्वस्थ जीवन शैली और संतुलित भोजन अपनाए तो बांझपन को लेकर होने वाली बीमारियों से बच सकते हैं। डॉ. गरिमा रविवार को दैनिक जागरण के हैलो डॉक्टर कार्यक्रम में थी। उन्होंने कुमाऊं भर से फोन करने वाले सुधी पाठकों की बांझपन से संबंधित कारणों के साथ ही बचाव व इलाज के बारे में परामर्श दिया।
बांझपन के मुख्य कारण
- हार्मोन में बदलाव
- फैलोपियन ट्यूब का ब्लाक हो जाना
- गलत खान-पान
- महिलाओं में उम्र का अधिक होना
बचाव के लिए अपनाएं ये तरीका
- वजन को नियंत्रित रखना
- धूमपान व एल्कोहल से बचना
- सही उम्र में शादी करना
- फोलिड एसिड व विटामिन बी का इस्तेमाल
- नियमित व्यायाम व योग करना
- जंक फूड के इस्तेमाल से बचें
एसटीएच में प्रतिमाह 100 मरीज
डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में ही 100 से अधिक ऐसे मरीज पहुंचते हैं। यह मरीज सभी अलग-अलग क्षेत्रों से आते हैं।
वजन बढऩे से भी बड़ी मुश्किल
वर्तमान में मोटापा बड़ी समस्या बना है। मोटापे की वजह से तमाम तरह की बीमारियां होने लगती है। यही बीमारियां भी बांझपन जैसी समस्या भी पैदा करती हैं।
जांच से पता चलती है सही स्थिति
बांझपन का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट कराते हैं। इसके अलावा इंडोमेट्रियल बायोप्सी सहित कई तरह की जांचें करते हैं। जनन अंगों का अल्ट्रासाउंड और एक्सरे किया जाता है। लेप्रोस्कोपी से भी जांच होती है।
महिलाओं में निर्धारित होती है अंडाणुओं की संख्या
पुरुषों में शुक्राणु बनते रहते हैं। कई बार बीमारी और रेडिएशन व दवाइयों के सेवन से शुक्राणुओं की क्षमता प्रभावित होती है। जबकि महिलाओं में निश्चित उम्र तक ही अंडाणु बने रहते हैं।
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