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हैलो डॉक्टर : बार-बार मिर्गी का दौरा कर सकता है ब्रेन डैमेज NAINITAL NEWS

मिर्गी के दौरे को लेकर लापरवाही ठीक नहीं है और न ही किसी तरह के टोटके में पडऩा चाहिए। अगर बार-बार मिर्गी का दौरा आता है तो यह ब्रेन को भी डैमेज करने लगता है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 08 Jul 2019 11:23 AM (IST)Updated: Tue, 09 Jul 2019 12:44 PM (IST)
हैलो डॉक्टर : बार-बार मिर्गी का दौरा कर सकता है ब्रेन डैमेज NAINITAL NEWS
हैलो डॉक्टर : बार-बार मिर्गी का दौरा कर सकता है ब्रेन डैमेज NAINITAL NEWS

हल्द्वानी, जेएनएन : मिर्गी के दौरे को लेकर लापरवाही ठीक नहीं है और न ही किसी तरह के टोटके में पडऩा चाहिए। अगर बार-बार मिर्गी का दौरा आता है तो यह ब्रेन को भी डैमेज करने लगता है। यह स्थिति मरीज के लिए घातक हो जाती है। यह कहना है डॉ. मनमीत कौर का। वह कृष्णा न्यूरो सेंटर में न्यूरोलॉजिस्ट हैं। रविवार को दैनिक जागरण के हैलो डॉक्टर में कुमाऊं भर के मरीजों को फोन से परामर्श दे रही थी। उन्होंने इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया।

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मिर्गी होने के एक नहीं कई हैं कारण

- आनुवांशिक भी हो सकता है 

- न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस बहुत कॉमन कारण है

- बच्चों में पैदा होते समय ऑक्सीजन की कमी होना

- डिलीवरी के समय अधिक दिक्कत होना

- दिमागी बुखार व टीबी भी है बड़ा कारण

- बड़ों में सिर में चोट, ब्रेन ट्यूमर व फॉलिस

ऐसे जानें कि मिर्गी हो गई

- हाथ-पैर में अकडऩ हो जाना

- आंखें पलट जाना

- दांत घिस जाना

- कपड़ों में पेशाब कर देना

- बेहोशी आना

- एक हाथ व पैर में भी अकडऩ

- बच्चा थोड़ी देर के लिए गुमसुम हो जाना

लक्षणों का पता करते ही डॉक्टर से मिलें

गांवों में आज भी कुछ जगहों पर मिर्गी के दौरे को किसी हवा का प्रकोप मानते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। लक्षणों का पता चलते ही संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। बीमारी की गंभीरता डॉक्टर ईईजी, सीटी स्कैन व एमआरआइ से पता करते हैं। बीमारी की गंभीरता के आधार पर मरीज का इलाज किया जाता है।

ऐसा करना हो सकता है खतरनाक

मिर्गी के दौरे में जूते सूघांने, मुंह में चम्मच डालने का कोई चिकित्सकीय आधार नहीं है। कई बार चम्मच मुंह में ही टूट जाने से गले में फंस जाता है, जो मरीज के लिए खतरनाक साबित हो जाता है। दौरा रूकने की प्रतीक्षा करें। प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में ले जाएं।

बार-बार ईईजी की जरूरत नहीं

न्यूरोलॉजिस्ट लक्षणों के आधार पर इलाज करते हैं। एक बार जांच होने पर बार-बार ईईजी की जरूरत नहीं होती है। इसके अलावा दवा भी अपने मन से बंद नहीं करना चाहिए। डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही दवा का सेवन करें, तभी लाभ मिलेगा। कई बार कुछ मरीजों में दवाइयों के साइड इफेक्ट होने लगते हैं। खुद दवा बंद करने के बजाय डॉक्टर से मिलें।

गर्भधारण से पहले डॉक्टर से मिलें

मिर्गी के दौरे से ग्रस्त महिला मरीज को शादी के बाद गर्भ धारण करना है तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान दौरा आने से दिक्कतें हो सकती है।

इन्होंने लिया परामर्श

बिंदुखत्ता से लक्ष्मण सिंह, किच्छा से चंद्रप्रकाश, बागेश्वर से बिशन राम, हल्द्वानी से विमला पंत, तीन पानी से जगदीश, अल्मोड़ा बाड़ेछीना से उमेश, खटीमा से मोहन सिंह, धारचूला से शंभू नाथ, नैनीताल से पवन सिंह, कालाढूंगी से गोविंद सिंह, रामनगर से जीवन चंद्र, पिथौरागढ़ से एचसी टम्टा, लालकुआं से पीएस नेगी आदि ने फोन कर परामर्श लिया।

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