नैनीताल में भारी भूस्खलन, डीएसबी परिसर के हॉस्टल के लिए पैदा हुआ खतरा
नैनीताल में हर तरफ खतरा बढ़ रहा है। बलियानाला भूस्खलन के ट्रीटमेंट की पहल अभी शुरू नहीं हो सकी कि ठंडी सड़क क्षेत्र में नया स्लाइड जोन बन गया है। लगातार बारिश से ठंडी सड़क क्षेत्र में पहाड़ी से भारी भूस्खलन हो गया।
नैनीताल, जागरण संवाददाता : नैनीताल में हर तरफ खतरा बढ़ रहा है। बलियानाला भूस्खलन के ट्रीटमेंट की पहल अभी शुरू नहीं हो सकी कि ठंडी सड़क क्षेत्र में नया स्लाइड जोन बन गया है। लगातार बारिश से ठंडी सड़क क्षेत्र में पहाड़ी से भारी भूस्खलन हो गया। मिट्टी व मलबे के साथ विशालकाय बोल्डर सड़क पर आ गिरे। लोनिवि ने बुलडोजर से मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है। रविवार को ठंडी सड़क क्षेत्र में पाषाण देवी मंदिर के आगे पहाड़ी से भूस्खलन शुरू हुआ था। रात में इसकी रफ्तार और तेज हो गई।
भूस्खलन से पहाड़ी के समीप डीएसबी परिसर को हॉस्टल को खतरा पैदा हो गया है। ठंडी सड़क क्षेत्र में शहर के लोग मॉर्निंग व इवनिंग वॉक पर निकलते हैं। यहां झील किनारे सेल्फी प्वाइंट होने की वजह से पर्यटक जोड़ों की भी उपस्थिति रहती है। आधा दर्जन से अधिक मंदिर भी सड़क से सटी पहाड़ियों पर बने हैं। विभिन्न पर्व पर भी भक्तों की आवाजाही होती है।
इधर सोमवार को भारी भूस्खलन के बाद लोनिवि की ओर से मलबा हटाने के लिए बुलडोजर लगाया गया है। एतिहात के तौर पर लोगों को खतरे से आगाह करने के लिए बोर्ड लगा दिया गया है। भूवैज्ञानिक प्रो सीसी पंत का कहना है कि ठंडी सड़क क्षेत्र की पहाड़ी बेहद संवेदनशील है। यहां पहाड़ियों से नालों से पानी की निकासी होती है मगर हालिया सालों में इन नालों से पानी की निकासी कम हो गई है। प्रशासन को चाहिए कि नालों के मुहानों को ठीक किया जाय।
बता दें कि इसी साल 21 जुलाई की रात नैनीताल में राज भवन मार्ग का करीब 20 मीटर हिस्सा दरक गया था। सड़क और सुरक्षा दीवार का मलबा नीचे स्थित पालिका बाजार तक आ गया था। गनीमत रही कि सड़क दिन के समय नहीं धंसी, नहीं तो बड़ा हादसा हो जाता। तब मार्ग पर वाहनों को पूरी तरह से आवागमन के लिए रोक दिया गया था।