Move to Jagran APP

हाई कोर्ट में तीन अहम मामलों में हुई सुनवाई से संबंधि‍त खबरें पढ़ें, जानें कौन-कौन से हैं मामले

रिटायर्ड शिक्षक के समस्त देयकों व पेंशन मामले में विजिलेंस से तीन सप्ताह में जांच रिपोर्ट व याचिकाकर्ता के सचिव विद्यालयी शिक्षा को पेश किए गए शपथ पत्र प्रस्तुत करने के आदेश दिए।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 22 May 2019 09:47 AM (IST)Updated: Wed, 22 May 2019 09:47 AM (IST)
हाई कोर्ट में तीन अहम मामलों में हुई सुनवाई से संबंधि‍त खबरें पढ़ें, जानें कौन-कौन से हैं मामले

नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने हरिद्वार के रिटायर्ड प्रधानाध्यापक के समस्त देयकों व पेंशन मामले में विजिलेंस से तीन सप्ताह में जांच रिपोर्ट व याचिकाकर्ता के सचिव विद्यालयी शिक्षा को पेश किए गए शपथ पत्र प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।

loksabha election banner

न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में मंगलवार को हरिद्वार के रिटायर्ड शिक्षक हरपाल सिंह हरपाल सिंह यादव की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि 2015 में वह रिटायर्ड हो चुके हैं, मगर अब तक उनके पेंशन व अन्य देयकों का भुगतान नहीं किया गया। जब खंड शिक्षा अधिकारी सुमन अग्रवाल से बात की तो उन्होंने पेंशन व देयकों के भुगतान के एवज में पांच लाख कमीशन मांगा, जिसकी रिकार्डिंग भी मोबाइल से की। यह रिकार्डिंग सतर्कता विभाग को सौंप दी, मगर विजिलेंस ने कोई कार्रवाई नहीं की। कोर्ट ने विजिलेंस को मामले में जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा था, मगर अब तक रिपोर्ट पेश नहीं की गई। एकलपीठ ने इस पर नाराजगी जताते हुए विजिलेंस को तीन सप्ताह में जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।

छात्रवृत्ति घोटाला मामले में दो आरोपितों की जमानत मंजूर

हाई कोर्ट ने समाज कल्याण विभाग छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपित ग्रामोद्योग विकास संस्थान गु्रप के चेयरमैन व सचिव की याचिका स्वीकार करते हुए उनकी जमानत मंजूर कर ली।जीटी रोड मंगलौर स्थित संस्थान के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल व सचिव संजय बंसल ने जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल कर कहा था कि छात्रवृत्ति घोटाले में निरीक्षक जवाहर लाल की ओर से पिछले साल पहली दिसंबर को टिहरी जिले के चंबा थाने में धारा-420, 120 बी, 408 के तहत अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप था कि स्ववित्त पोषित शैक्षणिक संस्थानों ने छात्रवृत्ति की रकम गबन की है। एसआइटी की जांच में कहा गया कि इन संस्थानों ने राजकीय धन के दुरुपयोग कर खुद को लाभ पहुंचाने व सरकार को हानि पहुंचाने के उद्देश्य से एससी-एसटी छात्रों के नाम पर अवैध रूप से छात्रवृत्ति वितरण में घोटाला किया। आरोपितों का कहना है कि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है। एसआइटी बेवजह उन्हें फंसा रही है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद जमानत अर्जी स्वीकार कर ली। सत्र न्यायाधीश हरिद्वार ने आरोपितों की जमानत अर्जी पूर्व में खारिज कर दी थी। 

स्टिंग मामले में सुनवाई अब 27 को

हाई कोर्ट ने न्यूज चैनल के सीईओ उमेश कुमार के स्टिंग ऑपरेशन मामले में अगली सुनवाई 27 मई नियत कर दी है। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई। यहां बता दें कि स्टिंग के बाद उमेश के खिलाफ सरकार ने देहरादून के थाने में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। प्राथमिकी में कहा गया था कि उमेश ने कर्मचारियों के माध्यम से स्टिंग की है, जिसका मकसद ब्लैकमेलिंग तथा सरकार को अस्थिर करना है।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.