चारधाम में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने के मामले में सुनवाई सोमवार को
सरकार ने हाई कोर्ट में शपथपत्र पेश कर कहा है कि चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या को देखते हुए पूर्व में दिए गए निर्णय में संशोधन किया जाय। सरकार का कहना है कि कोर्ट द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल: उच्च न्यायालय में शुक्रवार को चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने के मामले में राज्य सरकार की अर्जी पर सुनवाई हुई। मुख्य स्थाई अधिवक्ता (सीएससी) चंद्रशेखर रावत ने न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामला सुनवाई के लिए मेंशन किया। खंडपीठ ने इस मामले को मुख्य न्यायाधीश की रेगुलर बेंच में सोमवार को मेंशन करने को कहा। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने ही पूर्व में श्रद्धालुओं की सीमित संख्या वाला निर्णय दिया है।
सरकार ने हाई कोर्ट में शपथपत्र पेश कर कहा है कि चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या को देखते हुए पूर्व में दिए गए निर्णय में संशोधन किया जाय। सरकार का कहना है कि कोर्ट द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है। चारधाम में सरकार द्वारा सभी सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। यात्रियों की संख्या सीमित होने से स्थानीय लोगों की रोजी-रोटी पर भी असर पड़ रहा है।
कोर्ट ने सीमित की थी संख्या
पिछले दिनों हाई कोर्ट ने सरकार की अर्जी पर सुनवाई करते हुए चारधाम यात्रा पर लगाई गई रोक प्रतिबंधों के साथ हटा दी थी। बदरीनाथ में प्रतिदिन 1000 यात्री, केदारनाथ में प्रतिदिन 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति प्रदान की गई थी। अब इस मामले में सरकार नया हलफनामा दाखिल कर कहा है कि अभी तक एक भी कोविड का केस सामने नहीं आया है। एसओपी के अनुसार निर्धारित संख्या से अधिक को दर्शन की अनुमति दी जा सकती है। लिहाजा धामों में तीर्थयात्रियों की तय संख्या को बढ़ाने की अनुमति दी जाए।