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फर्जी दस्तावेजों से नियुक्ति पाए साढ़े तीन हजार शिक्षकों के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई

हाइकोर्ट ने प्राइमरी व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाए करीब साढ़े तीन हजार अधयापकों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 03:36 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 09:32 AM (IST)
फर्जी दस्तावेजों से नियुक्ति पाए साढ़े तीन हजार शिक्षकों के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई
फर्जी दस्तावेजों से नियुक्ति पाए साढ़े तीन हजार शिक्षकों के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई

नैनीताल, जेएनएन : हाइकोर्ट ने प्राइमरी व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाए करीब साढ़े तीन हजार अधयापकों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की। मामले में राज्य सरकार से दो दिन के भीतर जवाब पेश करने को कहा गया है । अगली सुनवाई के लिए 14 अगस्त की तिथि नियत की गई है । कोर्ट ने पिछली तिथि को सरकार से पूछा था कि कितने अध्यापको के खिलाफ कार्यवाही की गई और वे कौन से अधिकारी हैं। जिन्होंने यह कृत्य किया है। उनके खिलाफ सरकार ने क्या कार्यवाही की है।

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मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य मुख्य न्यायधीश रवि कुमार मलिमथ व न्यायमुर्ति एनएस धानिक की खण्डपीठ में हुई। मामले के अनुसार स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी हल्द्वानी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य के प्राइमरी व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में करीब साढ़े तीन हजार अध्यापक जाली दस्तावेजों के आधार पर फर्जी तरीके से नियुक्त किए गए हैं। जिनमें से कुछ अध्यापकों की एसआईटी जांच की गई। जिनमें खचेड़ू सिंह, ऋषिपाल, जयपाल के नाम सामने आए लेकिन विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण इनको क्लीन चिट दी गयी और ये अभी भी कार्यरत है। संस्था ने इस प्रकरण की एसआईटी से जांच करने को कहा है। पूर्व में राज्य सरकार ने अपने शपथपत्र पेश कर कहा था कि इस मामले की एसआईटी जांच चल रही है अभी तक 84 अध्यापक जाली दस्तावेजो के आधार पर फर्जी पाए गए है उन पर विभागीय कार्यवाही चल रही।


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