कोरोना पॉजिटिव नेता प्रतिपक्ष के लिए स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन ने तोड़े कायदे-कानून
कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसके बावजूद नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश के इलाज संक्रमण से सुरक्षा और उन्हें देहरादून भेजने के मामले में गंभीर लापरवाही बरती गई।
हल्द्वानी, जेएनएन : कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसके बावजूद नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश के इलाज, संक्रमण से सुरक्षा और उन्हें देहरादून भेजने के मामले में गंभीर लापरवाही बरती गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी उनके घर से लेकर गौलापार हेलीपैड तक कोई भी स्वास्थ्य कर्मी, सहयोगी या अन्य कोई पीपीई किट में नजर नहीं आया। सरकारी सिस्टम के जो नियम आम जनता पर थोपे जाते हैं वह वीवीआईपी का केस होने के कारण पूरी तरह नदारद रहे। हेलीपैड पर जिस तरह की लापरवाही दिखी, उसने कोरोना काल में सरकारी व्यवस्थाओं पर सवाल उठा दिया। इसके साथ ही सरकारी अफसरों की कार्यप्रणाली भी कठघरे में है।
नेता प्रतिपक्ष पिछले तीन दिनों से बुखार और निमोनिया से पीडि़त थीं। जिसके बाद डॉक्टरों की टीम ने उन्हें कोविड टेस्ट कराने के साथ अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी। नियमत: कोरोना के लक्षण दिखने वाले मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं है। इसी आधार पर शुक्रवार को दोपहर में नेता प्रतिपक्ष को सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। रात में उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई। यहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम की लापरवाही शुरू हो गई।
बुखार और सांस लेने में तकलीफ के बावजूद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। पहला सवाल यही उठता है कि गंभीर लक्षण वाले मरीज को डॉक्टर ने अस्पताल से छुट्टी क्यों दी। अगले दिन उनकी स्वास्थ्य की गंभीरता को देखते हुए सुबह उन्हें देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराने का निर्णय लिया गया। उन्हें ले जाने के लिए दिन में हेलीकॉप्टर भी पहुंच गया। नियमत: कोरोना मरीज को एक स्थान से दूसरे स्था ले जाने की जिम्मेदारी पीपीई किट पहने स्वास्थ्यकर्मियों को दी जाती है, लेकिन यहां प्रशासन या स्वस्थ्य विभाग द्वारा कोई इंतजाम नहीं किया गया। नेता प्रतिपक्ष के परिजन ही उन्हें स्टेडियम ले गए और हेलीकॉप्टर में बैठाया।
पीपीई किट व शारीरिक दूरी भी भूल गए
नेता प्रतिपक्ष को गौलापार हेलीपेड तक ले जाते समय न ही किसी ने पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट) किट पहना था और न ही प्रशासन विशेष मानक के तहत शारीरिक दूरी का पालन करवा सका। चर्चा थी कि जब वीआइपी के मामले में ही यह रवैया अपनाया जाता है तो आम मरीजों को लेकर क्या ध्यान रखा जाता होगा। हेलीकाप्टर में भी तीन लोग बैठे थे। वहां पर कई अन्य लोग भी मौजूद थे।
बुद्ध पार्क में भीड़ में शामिल रही थी इंदिरा
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश 15 सितंबर को बुद्ध पार्क में फीस माफी को लेकर चल रहे आंदोलन में शामिल हुए थीं। उस दौरान कई लोग उनके संपर्क में आए थे। इस बीच कई लोगों ने उनसे मुलाकात भी की थी। वहीं इस मामले में एसटीएच के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि जब तक वह अस्पताल में थी। तब तक कोविड की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई थी। हमने एंटीजन जांच की थी। उसमें वह निगेटिव थी। इसलिए उनके कहने पर ही डिस्चार्ज किया गया।