बजट से आधी आबादी खुश : महिला वित्त मंत्री ने महिलाओं के हितों का रखा ख्याल NAINITAL NEWS
जब देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पूरे देश का बजट पेश किया तो महिलाओं ने गर्व का अनुभव भी किया।
हल्द्वानी, जेएनएन : घर का बजट तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली महिलाओं की नजरें वित्त मंत्री के बजट भाषण पर टिकी रहीं। बजट से कुछ उम्मीदें पूरी हुईं तो कहीं पर निराशा भी मिली। साथ ही जब देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पूरे देश का बजट पेश किया तो महिलाओं ने गर्व का अनुभव भी किया। बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सुरक्षा, रोजगार, प्रशिक्षण जैसे विषयों पर की गई घोषणाओं पर संतुष्टि जाहिर की। साथ ही उम्मीद जाहिर की है कि महिला वित्त मंत्री आगे आने वाले समय में भी देश की आधी आबादी को ध्यान में रखते हुए महिलाओं के अनुकूल बजट तैयार करेंगी। भारती बिष्ट का कहना है कि रिसर्च को प्राथमिकता देना इस बजट की खास बात है। किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए इससे बेहतर कदम और कुछ नहीं हो सकता।
सुचित्रा जायसवाल की राय है कि महिला सशक्तीकरण इस बजट का मुख्य आकर्षण है। नारी तू नारायणी योजना का होना भी सराहनीय है। ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या बढ़े। मधुर अग्रवाल का कहना है कि महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण मिशन के लिए 1,156 करोड़ का बजट बढ़ाकर 1,330 करने का प्रस्ताव किया गया है। यह सराहनीय पहल है। नीलम शर्मा ने बताया कि मातृत्व अवकाश बढ़ाकर 26 सप्ताह करने का प्रावधान स्वागत योग्य है। महिला सशक्तीकरण पर फोकस किया गया है। आने वाले समय में इसका असर नजर आएगा। ऊषा मुकेश ने बताया कि अधिकांश महिलाएं घर का बजट बनाने तक ही सीमित हैं। आज महिला वित्त मंत्री को देश का बजट पेश करते हुए देखने से गर्व महसूस हुआ। राखी अग्रवाल का कहना है कि डीजल-पेट्रोल महंगा होने से महंगाई बढ़ेगी, जिससे घरेलू बजट भी प्रभावित होगा। मुद्रा योजना में महिलाओं को एक घंटे में ऋण मिलने से आसानी होगी।
यह भी पढ़ें : बजट पर डॉक्टरों की राय : हेल्दी होगा इंडिया तो ही बनेगा न्यू इंडिया