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सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन, भंडारण व उपयोग पड़ेगा भारी, पांच लाख तक लगेगा जुर्माना

सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने के लिए नगर निगम ने नियमावली तय की है। अपशिष्ट प्लास्टिक नियम 2016 के तहत तहत बनी उपविधि लागू होने के बाद निगम क्षेत्र में एकल उपयोग प्लास्टिक उत्पादों की खरीद-बिक्री उत्पादन भंडार व परिवहन करना प्रतिबंधित होगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 24 Dec 2021 08:04 AM (IST)Updated: Fri, 24 Dec 2021 08:04 AM (IST)
सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन, भंडारण व उपयोग पड़ेगा भारी, पांच लाख तक लगेगा जुर्माना
सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन, भंडारण व उपयोग पड़ेगा भारी, पांच लाख तक लगेगा जुर्माना

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने के लिए नगर निगम ने नियमावली तय की है। अपशिष्ट प्लास्टिक नियम 2016 के तहत तहत बनी उपविधि लागू होने के बाद निगम क्षेत्र में एकल उपयोग प्लास्टिक उत्पादों की खरीद-बिक्री, उत्पादन, भंडार व परिवहन करना प्रतिबंधित होगा। इसकी अनदेखी पर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. मनोज कांडपाल ने बताया कि उपविधि सार्वजनिक कर आपत्ति, सुझाव मांगे हैं। एक माह बाद उपविधि अंतिम रूप से प्रकाशित कर गजट नोटिफिकेशन को भेजी जाएगी। प्रकाशित होते ही उपविधि प्रभावी हो जाएगी।

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ये हैं नियम

  • कोई भी व्यक्ति खुद या किसी दूसरे के माध्यम से प्लास्टिक, थर्माकोल, स्टायरफोम सामान का क्रय-विक्रय, उत्पादन, आयात, भंडारण नहीं करेगा।
  • किसी भी आकार, मोटाई, माप व रंग के प्लास्टिक कैरी बैग हैंडल या बिना हैंडल दोनों प्रतिबंधित रहेंगे।
  • थर्माकोल, पालीयुरीथेन, स्टायरोफोम व इससे मिलती सामग्री से एकल उपयोग के लिए बने डिस्पोजल सामग्री या प्लास्टिक के प्लेट, कटोरे, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, स्ट्रिक प्रतिबंधित।
  • एक जुलाई 2022 से मिठाई के डिब्बों की पैकिंग करने वाली फिल्मों, निमंत्रण कार्ड व सिगरेट पैकेट, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक या इयर बड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की डंडियां, प्लास्टिक झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम की डंडी, पालीयुरीथेन की सजावटी सामग्री उपयोग नहीं होगी।
  • एकल उपयोग वाले खाद्य पदार्थ की पैकेजिंग कंटेनर प्रतिबंधित होंगे।
  • बायो कंपोस्टेबल कैरी बैग के निर्माता, विक्रेता को भी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण या उत्तराखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा।
  • धार्मिक स्थल, संस्थानों, सिनेमाघर, माल, होटल, रेस्टोरेंट, कैफे, शादी, पार्टी हाल आदि में उनके स्वामी या प्राधिकारी को उपनियमों का कड़ाई से पालन करना होगा।

पंजीकृत कबाड़ी को देना होगा प्लास्टिक

प्रतिबंधित श्रेणी में नहीं आने वाले प्लास्टिक का पुनर्चक्रण कराना संस्थान, प्रतिष्ठान संचालकों की जिम्मेदारी होगी। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पंजीकृत कबाड़ी को ही प्लास्टिक देना होगा। इससे पहले कबाड़ी पंजीकृत होंगे। बोतल बंद पानी, शीतलपेय विक्रेता, उत्पादनकर्ता से परस्पर समन्वय कर बोतल, प्लास्टिक अपशिष्ट को बाया चैनल वापस लेंगे।

प्रतिबंधों के साथ बायो मेडिकल वेस्ट को छूट

जैव चिकित्सीय ठोस व खतरनाक अपशिष्ट के परिवहन करने के लिए बायो कंपोस्टेबल प्लास्टिक व तय मोटाई वाले प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग किया जा सकता है। इसमें भी वर्तमान में 75 माइक्रोन की मोटाई व 31 दिसंबर 2022 के बाद 120 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक का उपयोग नहीं होगा। इसके पीछे चरणबद्ध तरीके से जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट में भी प्लास्टिक का चलन बंद करना है।

यह होगा दंड का प्राविधान

उपविधि का पालन नहीं करने पर उत्पादनकर्ता से पांच लाख, परिवहनकर्ता पर दो लाख, खुदरा विक्रेता पर एक लाख रुपये अर्थदंड लिया जाएगा। व्यक्तिगत उपयोगकर्ता से 100 रुपये लेने का प्राविधान है। फिर से उल्लंघन करने पर दोगुना अर्थदंड आरोपित किया जाएगा। सहायक नगर आयुक्त, कर अधीक्षक, कर निरीक्षक, सफाई निरीक्षक को जुर्माना आरोपित करने का अधिकार होगा।


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