Move to Jagran APP

तीन दिन से हल्‍द्वानी की मुख्य पेयजल लाइन टूटी, जलसंकट के साथ हो रहा जलभराव

हल्‍द्वानी के अग्रसैन चौक पर नाला निर्माण के दौरान टूटी पेयजल की मुख्य लाइन की सोमवार तक मरम्मत नहीं हो पाई है। इससे बरेली रोड के इलाकों में जलसंकट के साथ ही अग्रसैन चौराहे और आसपास जल भराव हो रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 01:52 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 01:52 PM (IST)
तीन दिन से हल्‍द्वानी की मुख्य पेयजल लाइन टूटी, जलसंकट के साथ हो रहा जलभराव
तीन दिन से हल्‍द्वानी की मुख्य पेयजल लाइन टूटी, जलसंकट के साथ हो रहा जलभराव

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : हल्‍द्वानी के अग्रसैन चौक पर नाला निर्माण के दौरान टूटी पेयजल की मुख्य लाइन की सोमवार तक मरम्मत नहीं हो पाई है। इससे बरेली रोड के इलाकों में जलसंकट के साथ ही अग्रसैन चौराहे और आसपास जल भराव हो रहा है। 

loksabha election banner

लोक निर्माण विभाग अग्रसेन चौराहे पर नाला निर्माण करा रहा है। चौराहे के एक ओर नाला निर्माण हो चुका है। दूसरी ओर नाला निर्माण के लिए खुदान का काम हो रहा था। शनिवार को खुदान के दौरान बरेली रोड को जलापूर्ति करने वाली 14 इंच मोटी पेयजल लाइन का पाइप टूट गया। शाम को पेयजल सप्लाई शुरू होने पर टूटी पेयजल लाइन से पानी निकालकर सड़क पर आ गया। इससे चौराहा जलमग्न हो गया और आसपास के बाजार की गलियों में भी जल भराव हो गया। 

इसका पता लगने पर जल संस्थान ने लाइन मरम्मत कराने के लिए मजदूरों को लगाया। लाइन काफी गहरी होने के कारण मजदूरों को उसे टूटने के काफी मशक्कत करनी पड़ी। दो दिन की मेहनत के बाद टूटी पेयजल लाइन तो मिल गई है, लेकिन उसकी अब तक मरम्मत नहीं हो पाई है। वहीं टूटी पेजयल लाइन से गंदगी भी घुस रही है। जल संस्थान के जेई समेत कई अफसर और कर्मचारी मौके पर खड़े होकर लाइन मरम्मत करवा रहे हैं। अधिशासी अभियंता संजय श्रीवास्तव ने बताया कि शाम तक लाइन की मरम्मत होने की उम्मीद है। करीब एक मीटर पाइप का टुकड़ा बदला जाना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.