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हल्‍द्वानी की जिस जेल में बंद था सुल्ताना डाकू वह जल्‍द हो जाएगी अतीत का हिस्‍सा

अंग्रेजी हुकूमत के नाक में दम करने वाले सुल्ताना डाकू का नाम सभी ने सुना होगा। लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि सुल्ताना डाकू कभी हल्द्वानी की जेल में भी बंद रहा था। सुल्तान के जेल में बंद होने का दावा एक रिटायर्ड जेल अधीक्षक ने किया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 09:56 AM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 09:56 AM (IST)
हल्‍द्वानी की जिस जेल में बंद था सुल्ताना डाकू वह जल्‍द हो जाएगी अतीत का हिस्‍सा
हल्‍द्वानी की जिस जेल में बंद था सुल्ताना डाकू वह जल्‍द हो जाएगी अतीत का हिस्‍सा

दीप चंद्र बेलवाल, हल्द्वानी : अंग्रेजी हुकूमत के नाक में दम करने वाले सुल्ताना डाकू का नाम सभी ने सुना होगा। लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि सुल्ताना डाकू कभी हल्द्वानी की जेल में भी बंद रहा था। सुल्तान के जेल में बंद होने का दावा एक रिटायर्ड जेल अधीक्षक ने किया है। अंग्रेजों ने उसे कई साल तक हल्द्वानी कारागार में बंद कर दिया था। यह जेल अब खंडहर हो चुकी है। आइजी की अनुमति के बाद जेल के ध्वस्तीकरण की तैयारी शुरू हो गई हैं।

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हल्द्वानी में वर्ष 1903 में पहली जेल स्थापित की गई थी। रिटायर्ड जेल अधीक्षक टीडी जोशी का दावा है कि यह जेल सुल्ताना डाकू को बंद करने के लिए ही बनाई गई थी। तब जेल में बंदियों की क्षमता मात्र 30 लोगों की थी। अंग्रेज भारतीय लोगों को बंदी बनाकर इसी जेल में डाल देते थे। वर्ष 1903 में अंग्रेजों ने सुल्ताना डाकू को पकड़कर इसी जेल में बंद कर दिया था। गर्मियों में अंग्रेज सुल्ताना को नैनीताल और जाड़ों के दिनों में फिर हल्द्वानी ले आते थे। कई साल तक सुल्ताना को बंद करने के बाद उसे छोड़ दिया गया था। इसके बाद वह फिर अंग्रेजों पर भारी पड़ गया था। गड़प्पू के जंगल में उसने अंग्रेजों को लूटने के बाद सामान काफी जमा किया था और उसे गरीबों को बांट दिया था। इसलिए गरीब सुल्तान डाकू के मुरीद होते थे।

कौन था सुल्ताना

सुल्ताना डाकू हमेशा अंग्रेजी हुकूमत का ही खजाना लूटता था। इसलिए इसकी गरीबों में काफी लोकप्रिय था। नजीबाबाद के इलाके में तो लोग सुल्ताना डाकू को भगवान की तरह पूजा करते थे। नैनीताल में अंग्रेजों के धनी ठिकाने को भी सुल्ताना ने निशाना बनाया था। उसने कई बार माल से लदी रेलगाडिय़ों को लूटा था। अंग्रेज अफसर फ्रैडी यंग व शिकारी जेम्स जिम कॉर्बेट ने मिलकर सुल्ताना डाकू को पकड़ा था।

छह लाख 49 हजार का आएगा खर्च

खंडहर जेल को तोडऩे के लिए तकरीबन छह लाख 49 हजार का खर्च आएगा। बजट की स्वीकृति मिलते ही जेल प्रशासन इसके टेंडर जारी कर देगा। ध्वस्तीकरण कर कार्यवाही लोनिवि करेगा। जेल अधीक्षक सतीश सुखीजा ने बताया कि सुल्ताना के बंद रहने वाली जेल खंडहर का रूप ले चुकी है। इसके ध्वस्तीकरण के लिए आइजी जेल पुष्पक ज्योति को पत्र भेजा था। आइजी की अनुमति के बाद जेल को ध्वस्त करने की तैयारी की जा रही है।


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