कॉर्बेट में इस बार फिर कम न पड़ जाएं पर्यटकों के लिए जिप्सी, अधूरी रह जाएगी सफारी की ख्वाहिश
मुख्य पर्यटन जोन ढिकाला को छोड़कर कॉर्बेट नेशनल पार्क डे विजिट व नाइट स्टे के लिए खुल चुका है। ऐसे में पर्यटकों को इस साल भी सफारी के लिए जिप्सी नहीं मिलने की परेशानी उठानी पड़ सकती है।
रामनगर, जेएनएन : मुख्य पर्यटन जोन ढिकाला को छोड़कर कॉर्बेट नेशनल पार्क डे विजिट व नाइट स्टे के लिए खुल चुका है। ऐसे में पर्यटकों को इस साल भी सफारी के लिए जिप्सी नहीं मिलने की परेशानी उठानी पड़ सकती है। कॉर्बेट प्रशासन ने हर साल सामने आने वाली पर्यटकों की इस परेशानी पर कोई कदम नहीं उठाया है।
वर्तमान में पर्यटकों को सफारी कराने वाली 307 टैक्सी परमिट जिप्सियां कॉर्बेट पार्क प्रशासन के पास पंजीकृत हैं। पर्यटन सीजन 20 दिसंबर से जनवरी के पहले सप्ताह तक काफी ज्यादा रहता है। कई पर्यटकों को मुंह मांगे व महंगे दाम पर जिप्सियां लेने को विवश होना पड़ता है। कई पर्यटक ऐसे होते हैं, जिन्हें महंगे दाम में भी जिप्सियां नहीं मिल पाती हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि कॉर्बेट से बाहर भी रामनगर वन प्रभाग का सीतावनी जोन है।
जिन्हें कॉर्बेट में बुकिंग नहीं मिल पाती है, उन पर्यटकों को दूसरे वन क्षेत्र सीतावनी में सफारी कराने को अच्छे रेट मिलने पर जिप्सी मालिक अपने वाहन से भेज देते हैं। ऐसे में कॉर्बेट में सफारी के लिए जिप्सियां कम पड़ जाती है। कॉर्बेट जिप्सी कल्याण समिति के अध्यक्ष गिरीश धस्माना ने बताया कि अभी करीब 25 जिप्सियों के पंजीकरण और होने हैं। ऐसे में जिप्सी अनुपलब्धता की समस्या इस बार नहीं होगी।
यह होती है कॉर्बेट सफारी की प्रक्रिया
कॉर्बेट में घूमने के लिए एडवांस में ऑनलाइन बुकिंग करानी होती है। इसके बाद पर्यटक को कॉर्बेट में पंजीकृत प्राइवेट जिप्सी सफारी के लिए ले जानी होती है। दूसरा अन्य कोई वाहन कॉर्बेट में प्रतिबंधित है। पार्क वार्डन आरके तिवारी ने बताया कि सफारी का परमिट बुक होने के बाद जिप्सी नहीं मिलने की समस्या गंभीर है। इस बार यह प्रयास किया जा रहा है कि इस तरह की समस्या न हो।