पिथौरागढ़ में घास काटकर लौट रही महिला को गुलदार ने किया घायल, इससे पहले दो आदमखोर जा चुके मारे
बुधवार की दोपहर चंडाक निवासी दीपा रावत पत्नी प्रमोद सिंह रावत घास काटकर चंडाक के जंगल से होते हुए घर लौट रही थीं। इसी दौरान घात लगाकर छिपे गुलदार ने दीपा पर हमला बोल दिया। इस दौरान उसने अपने बचाव के लिए गुलदार के साथ संघर्ष भी किया।
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : पिथौरागढ़ नगर के चंडाक क्षेत्र में गुलदार का आतंक खत्म नहीं हो रहा है। आदमखोर बन चुके दो गुलदारों को शिकारियों द्वारा मारे जाने के बाद भी फिर चंडाक के जंगल में दिन दहाड़े एक गुलदार ने घास काट कर लौट रही महिला पर हमला कर उसे घायल कर दिया। बुधवार की दोपहर चंडाक निवासी दीपा रावत पत्नी प्रमोद सिंह रावत घास काटकर चंडाक के जंगल से होते हुए घर लौट रही थीं। इसी दौरान घात लगाकर छिपे गुलदार ने दीपा पर हमला बोल दिया। अचानक गुलदार के हमले से दीपा रावत घबरा गई और चिल्लाने लगी। इस दौरान उसने अपने बचाव के लिए गुलदार के साथ संघर्ष भी किया। उसके चीखने की आवाज सुनकर निकट गांव के लोग पहुंच गए।
ग्रामीणों द्वारा हो हल्ला मचाया गया तब जाकर गुलदार महिला को छोड़कर जंगल की तरफ भाग गया। गुलदार के हमले में महिला घायल हो गई। ग्रामीण उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल लाए। सूचना मिलते ही पूर्व जिपं अध्यक्ष विरेंद्र सिंह बोहरा अस्पताल पहुंचे और महिला का हालचाल लिया। बाद में पूर्व विधायक मयूख महर, कांग्रेस जिलाध्यक्ष त्रिलोक महर अस्पताल पहुंचे। सभी जनप्रतिनिधियों द्वारा वन विभाग के अधिकारियों से वार्ता कर घायल महिला को मुआवजा देने तथा गुलदार को पकडऩे की मांग की है। पूर्व जिपं अध्यक्ष विरेंद्र बोहरा ने पीडि़त महिला के परिवार को अपने स्तर से सहायता देने का भरोसा दिलाया है।
सितंबर माह से सक्रिय हैं गुलदार
नगर से लगे चंडाक, सुकोली क्षेत्र में सितंबर माह से ही गुलदार सक्रिय हैं। सर्वप्रथम सितंबर माह में गुलदार ने सुकोली के पास एक युवक को मारा था। इसके बाद दस किमी दूर छाना पांडेय गांव में एक किशोरी को अपना शिकार बनाया। बाद में धारापानी गांव में एक ग्रामीण को बुरी तरह जख्मी किया। इसके बाद चंडाक रोड के निकट घास काट रही महिला को मार डाला। वन विभाग ने दो गुलदारों को आदमखोर घोषित कर शिकारी तैनात किए। शिकारियों द्वारा दो गुलदार मारे गए। इधर एक माह बाद फिर इस क्षेत्र में गुलदार ने दिन दहाड़े महिला को घायल कर क्षेत्र में दहशत पैदा कर दी है। वन रेंजर पिथौरागढ़ दिनेश जोशी ने बताया कि गुलदार ने रिजर्व फारेस्ट में घटना को अंजाम दिया है। रिजर्व फारेस्ट वन्य जीवों की शरणस्थली होती है। जिसे लेकर रिजर्व जंगल में उसे पकडऩे के लिए पिंजरा नहीं लगाया जा सकता है। सिविल या पंचायती जंगलों में पिंजरा लगाने के बारे में सोचा जाएगा। घायल महिला को विभाग मुआवजा देगा।