राज्यपाल बोले, पीएम को बताएंगे पंत विवि और यहां से स्टार्टअप शुरू करने वालों की सक्सेज स्टोरी
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि नए भारत में महिला यूथ व पूर्व सैनिक से देश-प्रदेश मजबूत हो रहा है। तीनों में बहुत शक्ति है। पंत विवि के विज्ञानियों के सहयोग से काली हल्दी पनचक्की के आटे मशरूम की व्यावसायिक खेती अपनाने से क्रांति आ रही है।
अरविंद कुमार सिह, पंतनगर : रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि नए भारत में महिला, यूथ व पूर्व सैनिक से देश-प्रदेश मजबूत हो रहा है। तीनों में बहुत शक्ति है। पंत विवि के विज्ञानियों के सहयोग से काली हल्दी, पनचक्की के आटे, मशरूम की व्यावसायिक खेती अपनाने से क्रांति आ रही है। इसकी जड़ें दुनिया में फैल रही हैं। अब भारत को विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता है। कृषि व्यवसाय से जुड़ी सफल स्टोरी के बारे में प्रधानमंत्री को बताएंगे। जिससे मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश-विदेश के लोग जान सकें।
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल राज्यपाल गुरमीत सिंह ने मंगलवार को एग्री बिजनेस एंड प्रबंधन महाविद्यालय में शोध निदेशालय के तत्वावधान में आयोजित स्टार्टअप शुरू करने वाले उद्यमियों से संवाद कार्यक्रम में यह बातें कही। हल्द्वानी से आए निखिलेश भट्ट ने पनचक्की से आटा बनाने की खासियत बताई। इसी तरह खटीमा से आए रिंकू ने मशरूम की खेती से होने वाली आय, सितारगंज से आए सागर ने जैविक काली हल्दी की खेती अपनाकर आय दोगुनी करने की कहानी बताई।
एग्री बिजनेस में उद्यमियों की सफलता सुनकर राज्यपाल भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य है कि यूथ, मातृ शक्ति व पूर्व सैनिक कमाल किया है। ये लोग कर्मयोगी हैं। जिन्होंने विवि के शोध, तकनीकी व विज्ञानियों के सहयोग से चमत्कार किया है। भारत ने करवट ले ली है, तकनीकी उग चुकी है। देश व विश्व देख रहा है कि उत्तराखंड चमत्कार कर रहा है। मशरूम की खेती करने वाले खटीमा के रिंकू ने जब कहा कि यह बताना भूल गया कि सीएम उनके गांव के हैं तो इस पर राज्यपाल ने भी हंसते हुए कहा कि वह भी बताना भूल गए कि वर्ष, 1996 में बनबसा में तैनात थे और सीएम के पिता के साथ नौकरी भी की है। इससे हाल में बैठे लोग मुस्कराने लगे।
पनचक्की से तैयार आटा न्यूजीलैंड व ईंग्लैंड में जा चुका
पनचक्की से आटा तैयार करने वाले निखिलेश भट्ट ने बताया कि इंग्लैंड व न्यूजीलैंड में रहने वाले भारतवंशी पनचक्की से तैयार आटा ले गए हैं। उनका आटा रिलायंस रिटेल में भी बिकता है। इसकी देश के कई राज्यों में मांग है। केबी चिया के नाम से उनका ब्रांड है। पनचक्की में आटा 20 से 24 डिग्री तापमान पर तैयार हो जाता है, जबकि बिजली से आटा बनाने में 70 से 80 डिग्री तापमान रहता है। अधिक तापमान होने से आटा की गुणवत्ता प्रभावित होती है और उसके पोषक तत्व जल जाते हैं।
शोध निदेशक ने ब्लू प्रिंट के जरिये दी विवि की जानकारी
शोध निदेशक डा.अजीत सिंह नैन ने एग्री बिजनेस एवं प्रबंधन महाविद्यालय में आयोजित संवाद कार्यक्रम में विवि की ब्लू प्रिंट के माध्यम से जानकारी दी। इस दौरान विवि ने किन किन क्षेत्रों में क्या उपलब्धियां हासिल की हैं और क्या जरूरतें भी हैं। समस्याएं भी गिनाई गईं कि विवि के बजट में करीब 40 से 50 फीसद की कटौती कर दी गई है। आइसीएआर की विभिन्न परियोजनाओं में कार्यरत वैज्ञानियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं मिला है।इससे विज्ञानियों में निराशापन है। कई साल से हर स्तर पर काफी रिक्त पद पड़े हैं, इससे विवि के शोध सहित कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं।