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राज्यपाल ने महिला समूहों से खरीदे उत्पाद, सीमांत का विकास न होने पर जताई नाराजगी

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने मंगलवार सुबह चंपावत की महिला स्वयं सहायता समूहों से वार्ता की। उनके काम के बारे में जानने के साथ ही उन्होंने कई समूहों से सामान भी खरीदे। वहीं बालेश्वर मंदिर की बदहाल स्थिति विकास होने पर दुख जताया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 02:51 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 02:51 PM (IST)
राज्यपाल ने महिला समूहों से खरीदे उत्पाद, सीमांत का विकास न होने पर जताई नाराजगी
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने मंगलवार सुबह चंपावत की महिला स्वयं सहायता समूहों से वार्ता की।

चम्पावत, जेएनएन : उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने मंगलवार सुबह चंपावत की महिला स्वयं सहायता समूहों से वार्ता की। उनके काम के बारे में जानने के साथ ही उन्होंने कई समूहों से सामान भी खरीदे। वहीं बालेश्वर मंदिर की बदहाल स्थिति व मिनी स्विटजरलैंड के नाम से विख्यात चम्पावत में विकास के नाम पर कुछ भी न दिखाई देने से राज्यपाल काफी नाखुश नजर आई। उन्होंने डीएम को निर्देश दिए कि वह खुद पेन लेकर उसमें रुचि दिखाकर विकास कार्यों पर ध्यान दें और ठीक कराएं।

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अपने दो दिवसीय भ्रमण पर पहुंची राज्यपाल ने दूसरे दिन सुबह एतिहासिक बालेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की। इस दौरान उन्होंने मंदिर के इतिहास के बारे में जानकारी ली और डीएम को मंदिर को सौंदर्यीकरण कराने, एतिहासिक विरासत को संजोने तथा मंदिर के पास ध्यान स्थल बनाने के निर्देश दिए। मंदिर से बाहर आने के बाद उन्होंने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। इसके बाद उन्होंने सर्किट हाउस में महिला स्वयं सहायता समूहों से बात की। उन्होंने महिला समूहों द्वारा बनाए गए गर्म कपड़े, गणेश की मूर्ति, टोकरी, लोहे के सामानों, मॉस्क, फेस शील्ड, मडुवे का बिस्किट, मसाले आदि के बारे में जानकारी ली व महिलाओं से उनकी दिक्कतें पूछी।

वार्ता के बाद उन्होंने कहा कि वह जनपद में महिलाओं द्वारा किए जा रहे कार्य से बहुत खुश हैं। जरूरत है इन महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने की। राज्यपाल मौर्य ने डीएम से उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को एडवांस ट्रेनिंग कराने, उपयुक्त बाजार उपलब्ध कराने तथा श्रम कार्ड बनाने के निर्देश दिए। वहीं प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ महिलाओं तक पहुंचाने के लिए कहा। एपीडी विम्मी जोशी ने सभी महिला समूहों के बारे में राज्यपाल को बताया।

चम्पावत में विकास की जरूरत, मंदिर को कराए ठीक

राज्यपाल मौर्य ने कहा कि मिनी स्वीटजरलैंड के नाम से विख्यात में चम्पावत में विकास के नाम पर कुछ भी नहीं है। राज्यपाल से मिलने आए भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य शंकर पांडे, नगर अध्यक्ष कैलाश अधिकारी से कहा कि जनपद में विकास के साथ पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। बालेश्वर मंदिर में म्यूजियम बनाएं। इसे ठीक कराएं और पास में ध्यान स्थल बनाएं। हमें किसी कार्य को करने के लिए मन से करने व संकल्प लेने की जरूरत है। चम्पावत को सुंदर बनाइए लोग स्विटजरलैंड को छोड़कर यहां आए। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वह सरकार व पर्यटन मंत्री से भी वार्ता करेंगी।

सांसद व विधायक दें सीमांत पर विकास

सीमांत विकास में पिछड़े जनपद के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक व सांसद के साथ जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। तभी सीमांत का विकास संभव होगा। प्रकृति की गोद में बसा चम्पावत बहुत ही अद्भुत व सुंदर हैं।

इन महिला समूहों ने की राज्यपाल से वार्ता

प्रगति आजीविका महिला ग्राम संगठन द्वारा बनाए गए लोह उत्पाद, हरियाली समूह द्वारा फेश शील्ड एवं मॉसक, भगवती समूह द्वारा पॉल्ट्री उत्पाद के अलावा भूमिया समूह द्वारा मूंज उत्पाद, मां गायत्री समूह द्वारा बनाए गए वूलन क्लॉथ, गंगनाथ बाबा समूह, जिमदार बाबा, सूर्यदेव, जगदंबा समूह से वार्ता की। कार्यक्रम के अंत में राज्यपाल को कई लोगों ने ज्ञापन सौंपा।

यह लोग रहे मौजूद

इस दौरान डीएम एसएन पांडे, एसपी लोकेश्वर सिंह, एडीएम टीएस मर्तोलिया, सीडीओ आरएस रावत, सीएमओ डॉ. आरपी खंडूरी, एसडीएम अनिल गब्र्याल, सीओ विपिन चंद्र पंत, ध्यान सिंह, कोतवाल धीरेंद्र कुमार समेत कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।


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