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उत्‍तराखंड में सरकारी शिक्षकों का शानदार प्रयास, बच्चों के लिए 25 से अधिक लाइब्रेरी खोली, थियेटर व सिनेमा से भी जोड़ रहे

दस साल पहले मुनस्‍यारी से शुरू हुई बच्चों को शिक्षा के अलावा समाजिक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जानकारी देने की मुहिम बदस्तूर जारी है। आज उत्तराखण्ड के हजारों बच्चे इससे लाभान्‍वित हो रहे हैं। संगठन के सदस्‍य प्राथमिक से लेकर डिग्री कॉलेज तक के शिक्षक हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 09:24 AM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 09:24 AM (IST)
उत्‍तराखंड में सरकारी शिक्षकों का शानदार प्रयास, बच्चों के लिए 25 से अधिक लाइब्रेरी खोली, थियेटर व सिनेमा से भी जोड़ रहे
उत्‍तराखंड में सरकारी शिक्षकों का शानदार प्रयास, 25 से अधिक लाइब्रेरी खोली, सिनेगा व थियेटर से भी जोड़ रहे

रामनगर, जागरण संवाददाता : दस साल पहले मुनस्‍यारी से शुरू हुई बच्चों को शिक्षा के अलावा समाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जानकारी देने की मुहिम बदस्तूर जारी है। आज उत्तराखण्ड के हजारों बच्चे इससे लाभान्‍वित हो रहे हैं। संगठन के सदस्‍य प्राथमिक से लेकर डिग्री कॉलेज तक के शिक्षक हैं। 10 बर्ष पूर्व इसकी स्थापना मुनस्यारी में की गयी थी। शिक्षक मंडल का मानना है कि भारतीय समाज के हित में सार्वजनिक, सरकारी शिक्षा का मजबूत होना बेहद जरूरी है। 

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रचनात्‍मक शिक्षक मंडल ने पिछले कुछ बर्षों में जश्न ए बचपन के तहत बच्चों के साथ बच्चों के समग्र विकास के लिए थियेटर, सिनेमा साहित्य, संगीत, विज्ञान, बर्ड वाचिंग में अनेक काम किये हैं। हर वर्ष साल में दो बार थियेटर के बड़े वर्कशॉप आयोजित किए जाते हैं। समय-समय पर थिएटर के साथ साथ सिनेमा की अनेक जानी मानी हस्तियों को भी बच्चों से रूबरू कराया जाता है। शिक्षक मण्डल की थियेटर टीम "उज्यावक दगडी" द्वारा प्रेमचंद, रवींद्रनाथ टैगोर समेत अनेकानेक  वरिष्ठ साहित्यकारों की कहानियों  के नाट्यरूपान्तरण को देश के कई हिस्सों में प्रदर्शित कर चुकी है। 

कोरोना के दौरान वाट्सएप ग्रुप बनाया 

कोरोनाकाल में ऑनलाइन किया गया एक प्रयोग काफी चर्चा में रहा। बच्चों के भीतर छुपी रचनात्मकता को उभारने के लिए जश्न ए बचपन नामक एक वाट्सएप ग्रुप बनाया जसमें प्रतिभागी सैंकड़ों बच्चों को संगीत, कला, विज्ञान, बर्ड वाचिंग, पेंटिंग, ओरिगेमी, साहित्य के बरे में बच्‍चों को जानकारियां देते थेे। संगीत के अमितांशु, बर्ड वाचिंग भाष्कर सती, साहित्य महेश पुनेठा, मनोहर चमोली, पेंटिंग के सुरेशलाल, विज्ञान के देवेन मेवाड़ी, सिनेमा के संजय जोशी, थियेटर के कपिल शर्मा, प्रेम संगवारी बतौर एक्सपर्ट रहे। कमलेश अटवाल व कमलेश जोशी बच्चों को समसामयिक विषयों पर जानकारियां देते रहे। 

25 से अधिक पुस्तकालय खोले 

शिक्षक मण्डल द्वारा रामनगर व उसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूली बच्चों के लिए 25 से अधिक पुस्तकालय भी ख़ोले गए हैं। 24 जनवरी से बच्चों को हर माह देश-दुनिया की कालजयी फिल्में भी दिखाई जाएंगी। संयोजक नवेंदु मठपाल का कहना है कि हमारा उद्देश्य है बच्चे के भीतर छिपी प्रतिभा को सतह पर लाना। ताकि बच्चा भविष्य में एक बेहतर इंसान बन सकें।


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