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चीन सीमा से सटे गांवाें का बजट भारत सरकार ने बढ़ाया, बुनियादी सुविधाओं पर दिया जाएगा ध्यान

चीन से तनातनी और मित्र देश नेपाल की खोखली राष्ट्रवादी राजनीति ने भारत को सीमा की चौकसी के लिए नए सिरे से सोचाने को विवश कर दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 12:48 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 12:48 PM (IST)
चीन सीमा से सटे गांवाें का बजट भारत सरकार ने बढ़ाया, बुनियादी सुविधाओं पर दिया जाएगा ध्यान
चीन सीमा से सटे गांवाें का बजट भारत सरकार ने बढ़ाया, बुनियादी सुविधाओं पर दिया जाएगा ध्यान

नैनीताल, जेएनएन : चीन से तनातनी और मित्र देश नेपाल की खोखली राष्ट्रवादी राजनीति ने भारत को सीमा की चौकसी के लिए नए सिरे से सोचाने को विवश कर दिया है। इसका असर बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम (बीएडीपी) पर भी दिखाई दे रहा है। सरकार ने चीन सीमा से सटे गांवों को विकसित करने के लिए बजट बढ़ा दिया है। वहीं इसके उलट नेपाल सीमावर्ती के गांवों के विकास पर ध्यान देने की बजाए बीओपी चौकिया को खोलने में व्यस्त है। जबकि सीमा के ब्लॉकों के विकास बजट घटना दिया गया है। हालांकि नेपाल सीमा से सेटे गांवों का बजट भारत ने भी घटाया है। 

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भारत ने पहली सीमांत जिलों के लिए (पंचवर्षीय) प्लान मांगा है। इससे पहले हर साल विकास का प्लान देना होता था। अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों में रोजगार, शक्षिा, सड़क आदि मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराकर पलायन रोकने के लिए केंद्र सरकार ने बीएडीपी योजना चलाई है। उत्तराखंड में इस योजना से चम्पावत जिले के चम्पावत, लोहाघाट, पिथौरागढ़ जिले के धारचूला, मुनस्यारी, कनालीछीना, मूनाकोट, ऊधमसिंहनगर के खटीमा, चमोली के जोशीमठ जबकि उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक को शामिल किया गया है। 

चार ब्लॉक चीन और पांच ब्लॉक नेपाल सीमा से सटे हुए हैं। नेपाल सीमा से सटे ब्लॉकों में बीते साल की अपेक्षा बजट में करीब 25 फीसदी कटौती हुई है। इसके विपरीत चीन सीमा से सटे उत्तराखंड के ब्लॉकों में बीएडीपी का मद बढ़ाया गया है। वहीं अपर सचिव (ग्राम्य विकास) ने सीमांत जनपदों के जिला अधिकारियों को पत्र भेजकर इस बार बीएडीपी मद में पांच साल के लिए कार्ययोजना तैयार करने के लिए कहा है।

अगले हर साल के लिए प्लान में 20 फीसदी बजट बढ़ाकर यह पंचवर्षीय प्लान तैयार किया जाना है। चीन सीमा से लगे गांव के बजट में दोगुने तक वृद्धि: चीन सीमा से लगे धारचूला और मुनस्यारी ब्लॉक के गांवों के लिए मिलने वाले बजट में इस बार दोगुने तक वृद्धि हुई है। पिछले साल मुनस्यारी के गांवों के लिए करीब 2.89 करोड़ रुपये और धारचूला के लिए 5.36 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ था। इस बार यह 7.28 करोड़ रुपये होगा।

नेपाल सीमा से लगे ब्लॉकों का बजट

ब्लॉक          प्रस्तावित आवंटन  

चम्पावत         2.34 करोड़

लोहाघाट        2.34 करोड़

कनालीछीना    2.34 करोड़

मूनाकोट         2.34 करोड़

खटीमा           2.34 करोड़

चीन सीमा से लगे ब्लॉकों का बजट

ब्लॉक             प्रस्तावित आवंटन

जोशीमठ        7.28 करोड़

धारचूला        7.28 करोड़

मुनस्यारी       7.28 करोड़

भटवाड़ी         7.28 करोड़

मांगा गया पंचवर्षीय प्लान 

आरएस रावत, सीडीओ, चम्पावत ने बताया कि इस बार चीन सीमा से सटे गांवों में बीएडीपी का बजट बढ़ाया गया है और नेपाल से सटे गांवों में यह राशि कम की गई है। इस बार बीएडीपी में सरकार ने सीमांत जिलों के संबंधित ब्लॉकों से पंचवर्षीय प्लान मांगा है। नेपाल सीमा से सटे चम्पावत जिले के दोनों ब्लॉकों के लिए पिछले साल 6.2 करोड़ का बजट मिला था। इन्हें इस बार महज 4.68 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।


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