झील संरक्षण को आगे बढ़ रही सरकारी कवायद
किशोर जोशी, नैनीताल : जलस्तर घटने से सरकार, राजभवन और स्थानीय जागरूक लोगों की चिंता की वजह बनी नैनी
किशोर जोशी, नैनीताल : जलस्तर घटने से सरकार, राजभवन और स्थानीय जागरूक लोगों की चिंता की वजह बनी नैनी झील के संरक्षण के लिए शुरू की गई उच्चस्तरीय कवायद आगे बढ़ने लगी है। नगरपालिका की ओर से अमृत योजनान्तर्गत झील में गिरने वाले 45 नालों के जीर्णोद्धार के लिए 727 लाख की कार्ययोजना तो जल संस्थान द्वारा सौ मकान की छतों में रेन वाटर हारर्वेस्टिंग का पानी नालों से झील तक पहुंचाने के लिए 147 लाख की कार्ययोजना तैयार कर शासन को भेज दी है।
पिछले साल झील का जलस्तर अत्यधिक घट जाने के कारण सरकार व शासन-प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई थीं। राज्यपाल व मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद पहले सिंचाई विभाग को झील का जिम्मा सौंपा गया तो फिर तमाम स्थानीय व संस्थानों के विशेषज्ञों से सुझाव लिए गए। मंडलायुक्त की अध्यक्षता में अंग्रेजी दौर में बनी सेफ्टी कमेटी को फिर से अस्तित्व में लाया गया। सीएम ने बकायदा झील संरक्षण के लिए तीन करोड़ की घोषणा की है, इस बजट के अवमुक्त होने का इंतजार किया जा रहा है। संरक्षण को लेकर ही शीतकाल में पहली बार पानी सप्लाई में रोस्टर की व्यवस्था की गई है।
पिछले साल गिरा था सर्वाधिक जलस्तर
सिंचाई विभाग की ओर से तैयार रिपोर्ट के अनुसार पिछले दस साल में सबसे कम जलस्तर माइनस 7.10 तक पहुंच गया था। 2008 में चार फीट पांच इंच, 2015 में दो फीट 60 इंच नीचे चला गया था जबकि पिछले दस सालों में 30 जनवरी को जलस्तर सामान्य से 0.80 फिट ऊपर व 2008 में 8.51, 2007 में 3.50 फिट अधिक था। 2008 में जलस्तर सामान्य से सर्वाधिक11.80 फिट, 2016 मे 9.90 फिट तथा पिछले साल सामान्य से सर्वाधिक 11.65 फिट अधिक रिकार्ड किया गया।