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गांवों में सब्जियों की होम डिलेवरी कर गौरव ने स्वरोजगार का रास्ता अख्तियार किया

कोरोना संक्रमण के चलते काम धंधे चौपट होने और नौकरी जाने से कई लोग बेरोजगार हो गए हैं। ऐसे में कई युवा अब स्वरोजगार की ओर रुख करने लगे हैं। जिनमें कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने इस आपदा के समय में भी अवसर तलाश नजीर पेश की है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 09:23 AM (IST)Updated: Sun, 06 Jun 2021 09:23 AM (IST)
गांवों में सब्जियों की होम डिलेवरी कर गौरव ने स्वरोजगार का रास्ता अख्तियार किया
गांवों में सब्जियों की होम डिलेवरी कर गौरव ने स्वरोजगार का रास्ता अख्तियार किया

नैनीताल, जागरण संवाददाता : कोरोना संक्रमण के चलते काम धंधे चौपट होने और नौकरी जाने से कई लोग बेरोजगार हो गए हैं। ऐसे में कई युवा अब स्वरोजगार की ओर रुख करने लगे हैं। जिनमें कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने इस आपदा के समय में भी अवसर तलाश नजीर पेश की है। शहर के समीपवर्ती देवीधुरा क्षेत्र में रहने वाले गौरव कुमार ने भी बेरोजगार होने पर गाँव मे ही आमदनी के अवसर पैदा किये। करीब डेढ़ माह पूर्व शुरू किए गए सब्जियों की होम डिलीवरी से वह रोजाना 400 से 500 रुपये की आमदनी कर रहे है।

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गौरव ने बताया कि 12वीं तक की पढ़ाई के बाद आईटीआई कर वह रुद्रपुर एक कंपनी में जॉब करने लगे। बीते वर्ष कोरोना संक्रमण, लॉकडाउन के दौरान पारिवारिक समस्याएं सामने आई तो वह वापस अपने गांव लौट आए। जिसके बाद कुछ समय उन्होंने शादी समारोह में फोटोग्राफी पर हाथ आजमाया। मगर शादी समारोह भी सीमित होने के कारण आमदनी नहीं हो पा रही थी। जिससे उन्होंने यह काम भी छोड़ दिया। इस वर्ष अप्रैल में कोरोना संक्रमण के मामले जब तेजी से बढ़ने लगे तो सरकार की ओर से लॉक डाउन की घोषणा कर दी गई। इस दौरान उन्होंने देखा कि कई ग्रामीणों जरूरी सामान के लिए भी बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

जिसके बाद उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में सब्जी और अन्य जरूरी सामान की होम डिलीवरी करने का निर्णय लिया। देवीधुरा और आसपास के दो अन्य गांव के ग्रामीणों को एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जोड़ा और सब्जी व अन्य सामान की होम डिलीवरी के आर्डर लेने शुरू कर दिए। शुरुआत में एक सप्ताह तक तो गिने-चुने आर्डर मिले। मगर अब उनका काम चल पड़ा है। अब वह हल्द्वानी से बल्क में सब्जी मंगाते हैं। जिसे घर पर स्टोर कर ऑर्डर मिलने पर घर-घर डिलीवर कर देते हैं। जिससे रोजाना 400 से 500 रुपये की आमदनी हो रही है।

होम डिलीवरी में करनी पड़ती है कड़ी मेहनत

गौरव ने बताया कि शहरों में सामान की होम डिलीवरी आसान है। मगर ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के घर दूर दूर स्थित होने के कारण उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। गांव में कच्ची सड़क तक किसी तरह बाइक से जाते हैं। मगर कई बार तो वह दो से तीन किलोमीटर पैदल चलकर भी सामान लोगों के घर तक पहुंचाते हैं।

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