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गौला के वाहनस्वामियों ने एसडीएम कोर्ट में दिया धरना, क्रशर संचालकों के खिलाफ भड़के

एसडीएम कोर्ट पहुँचे गौला के वाहनस्वामियों ने एसडीएम कोर्ट में धरना देकर क्रशर संचालकों के खिलाफ भड़ास निकालने के साथ जिला प्रशासन को भी आड़े हाथ लिया। कहा कि कल रात डीएम दफ्तर में हुई बैठक के दौरान डीएम का फ़ोन भी क्रशर संचालकों ने नहीं उठाया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 22 Dec 2021 01:59 PM (IST)Updated: Wed, 22 Dec 2021 01:59 PM (IST)
गौला के वाहनस्वामियों ने एसडीएम कोर्ट में दिया धरना, क्रशर संचालकों के खिलाफ भड़के
गौला के वाहनस्वामियों ने एसडीएम कोर्ट में दिया धरना, क्रशर संचालकों के खिलाफ भड़के

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : रैली की शक्ल में एसडीएम कोर्ट पहुँचे गौला के वाहनस्वामियों ने एसडीएम कोर्ट में धरना देकर क्रशर संचालकों के खिलाफ भड़ास निकालने के साथ जिला प्रशासन को भी आड़े हाथ लिया। कहा कि कल रात डीएम दफ्तर में हुई बैठक के दौरान डीएम का फ़ोन भी क्रशर संचालकों ने नहीं उठाया। इससे अफसरों की स्थिति का पता भी चलता है। इन हालात में कैसे मोटरमालिकों को न्याय मिलेगा।

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गौला से उपखनिज निकासी का भाड़ा नहीं बढ़ाने की वजह से 4 दिसंबर से गाड़ियां नदी में नहीं उतर रही। वाहनस्वामियों का कहना है कि सरकार से लेकर अफसर तक क्रशर मालिकों के दबाव में काम कर रहे हैं। मगर इस बार निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी। बरेली रोड पर एकजुट होने के बाद बड़ी संख्या में गौला से जुड़े लोग जुलूस निकालते हुए एसडीएम कोर्ट पहुँचे। जहां सभा की सिलसिला अभी जारी है।

यह है विवाद

गौला में पिछले साल उपखनिज के साथ भारी मात्रा में मिट्टी आई थी। इसलिए क्रशर संचालकों ने भाड़ा कम कर दिया था। लेकिन इस बार भारी मात्रा में बारिश होने की वजह से उपखनिज की गुणवत्ता ठीक है। वहीं, वाहनस्वामियों का कहना है कि डीजल के रेट भी पिछले सत्र के मुकाबले काफी बढ़ गए हैं। इसलिए भाड़ा ज्यादा देना चाहिए। लेकिन क्रशर संचालकों ने बढ़ाने की बजाय किराया घटा दिया। जिस वजह से वाहनस्वामी हड़ताल पर चले गए। उपखनिज संकट के चलते क्रशर संचालकों ने भी खरीद-बिक्री बंद कर दी।

डीएम भी नहीं मनवा पाए

गौला में हड़ताल की वजह से राजस्व का खासा नुकसान हो रहा है। ऐसे में डीएम ने मंगलवार रात साढ़े नौ बजे तक वाहनस्वामियों संग वार्ता की। लेकिन तीन घंटे तक चली वार्ता बैठक में कोई हल नहीं निकला। क्योंकि, क्रशर संचालकों ने भाड़ा 28 से 31 रुपये प्रति कुंतल करने का आश्वासन दिया। और गाड़ी मालिक 35 रुपये प्रति कुंतल पर अड़े रहे।


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